*तहसीलदार और उनके अर्दली के खिलाफ पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगने का मामला दर्ज*
बरेली(उप्र)। बरेली सदर के तहसीलदार और उनके अर्दली के खिलाफ कथित तौर पर एक व्यक्ति से पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया है कि आरोप है कि रुपयों की मांग इसलिए की जा रही थी ताकि भू-माफिया उस व्यक्ति की जमीन पर कब्जा न कर सकें।
जिलाधिकारी शिवकांत द्विवेदी ने अर्दली को निलंबित कर सदर तहसीलदार को कलेक्ट्रेट से संबध्द कर दिया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान ने बताया कि रविवार देर रात कोतवाली थाने में सदर तहसीलदार शेर बहादुर सिंह, उनके अर्दली अबरार और एक अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने दर्ज प्राथमिकी का हवाला देते हुए कहा कि मामला बरेली के वीर सावरकर नगर मोहल्ले का है, जहां पांच मई को सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके 720 वर्ग मीटर के भूखंड पर कुछ भू-माफियाओं की नजर है।
उन्होंने तहसीलदार के कार्यालय में भी शिकायत की ताकि उनकी जमीन की नाप हो सके और भू-माफिया उस पर कब्जा न कर सकें।
तहसीलदार सदर शेर बहादुर सिंह ने समस्या के निदान करने के बजाए अपने अर्दली अबरार से मिलने की सलाह दी। आरोप हैं कि अर्दली ने काम के एवज में तहसीलदार के नाम पर पांच लाख रुपये मांगे।
उन्होंने बताया कि काम कराने के लिए तहसीलदार के अर्दली को 25 अप्रैल को एक लाख 80 हजार रुपये दिए। इस बीच वीरेंद्र सिंह बिष्ट के सहयोगी प्रदीप यादव ने अर्दली की रूपये गिनते हुए वीडियो बना ली।
ईद के बाद जब काम नहीं हुआ तो प्रदीप यादव और तहसीलदार के बीच तीखी नोकझोंक हुई और हाथापाई भी हो गई।
इसके बाद, तहसील कार्यालय में काम करने वाले लखन सिंह ने यादव के खिलाफ मामला दर्ज कराया और उन्हें जेल भेज दिया गया।
यादव ने कोतवाली थाने में शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन कोई मामला दर्ज नहीं किया गया।