अमेरिका समर्थित’’ सरकार के गठन के खिलाफ प्रदर्शन के लिए इमरान खान ने समर्थकों का शुक्रिया अदा किया…

अमेरिका समर्थित’’ सरकार के गठन के खिलाफ प्रदर्शन के लिए इमरान खान ने समर्थकों का शुक्रिया अदा किया…

लाहौर (पाकिस्तान), 11 अप्रैल। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान ने प्रधानमंत्री पद से स्वयं को हटाए जाने तथा देश में ‘‘अमेरिका समर्थित’’ सरकार के गठन के खिलाफ पाकिस्तान और विदेश में प्रदर्शन करने के लिए अपने समर्थकों का शुक्रिया अदा किया। खान के आह्वान पर पीटीआई के समर्थकों ने रविवार रात नौ बजे के बाद प्रदर्शन शुरू किया, जो कई घंटों तक चला।

खान ने ट्वीट किया, ‘‘स्थानीय ‘मीर जाफरों’ द्वारा किए गए अमेरिका समर्थित शासन परिवर्तन के विरोध में व्यापक प्रदर्शन करने के लिए सभी पाकिस्तानियों को धन्यवाद। यह दिखाता हे कि देश और विदेश सभी जगह पाकिस्तानियों ने इसका पुरजोर तरीके से विरोध किया है।’’

इससे पहले, खान ने रविवार की सुबह ट्वीट किया था, ‘‘पाकिस्तान में ‘‘शासन परिवर्तन की विदेशी ताकतों की साजिश’’ के खिलाफ ‘‘आज स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत करें’’। उन्होंने कहा, ‘‘हमेशा लोग ही अपनी संप्रभुता तथा लोकतंत्र की रक्षा करते हैं।’’

महिलाओं और बच्चों समेत कई पीटीआई समर्थकों ने खान के साथ एकजुटता दिखाई। लाहौर में रैली रविवार को रात नौ बजे शुरू हुई और सोमवार तड़के तीन बजे तक चली।

फैसलाबाद, मुल्तान, गुजरांवाला, वेहारी, झेलम और गुजरात जिलों सहित पंजाब प्रांत के अन्य हिस्सों से भी बड़ी सभाएं होने की खबर है। इस्लामाबाद और कराची में भी पीटीआई समर्थकों की बड़ी भीड़ उमड़ी। खान को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के खिलाफ शिकागो, दुबई, टोरंटो और ब्रिटेन सहित विदेशों में भी विरोध प्रदर्शन हुए।

इस प्रदर्शनों का नेतृत्व पीटीआई के स्थानीय नेतृत्व ने किया। इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ता एवं समर्थक अमेरिका के खिलाफ नारे लगा रहे थे। खान ने अपनी सरकार को हटाने के पीछे अमेरिका का हाथ होने का दावा किया है। वे पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ के खिलाफ भी नारे लगा रहे थे, जिनके सोमवार को देश का नया प्रधानंत्री बनने की संभावना है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के खिलाफ भी नारेबाजी की गई।

प्रदर्शनकारियों में से अधिकतर ने हाथ में तख्तियों ले रखी थीं, जिन पर लिखा था ‘‘आयातित सरकार स्वीकार्य नहीं है।’’

यह ‘‘आयातित सरकार स्वीकार्य नहीं है’’ सोमवार तड़के तक 27 लाख से अधिक ट्वीट के साथ पाकिस्तान में ट्विटर पर ‘ट्रेंड’ भी कर रहा था।

पूर्व संघीय मंत्री और पीटीआई की वरिष्ठ नेता शिरीन मजारी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘पाकिस्तान और विदेशों से इस तरह के अद्भुत दृश्य…पाकिस्तानियों ने अमेरिकी शासन परिवर्तन को खारिज कर दिया है। ’’

उन्होंने कहा कि ‘‘आयातित सरकार स्वीकार्य नहीं है’’…उनकी पसंदीदा तख्तियों में से है।

उन्होंने पाकिस्तानी मीडिया के देशभर में, खासकर लाहौर और कराची में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों को उचित तरीके से ना दिखाने का आरोप भी लगाया।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने अपने समर्थकों का बाद में शुक्रिया अदा किया। पार्टी ने ट्विटर पर साझा किए गए एक बयान में कहा, ‘‘शुक्रिया पाकिस्तान। हम एक ऐसा राष्ट्र हैं जो किसी भी विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ खड़ा है, हम एक ऐसा राष्ट्र हैं जो इमरान खान के साथ खड़ा है।’’

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय पीठ ने खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने का नेशनल असेंबली उपाध्यक्ष का फैसला सर्वसम्मति से रद्द कर दिया था। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही नेशनल असेंबली को बहाल करने का आदेश दिया था।

नेशनल असेंबली का महत्वपूर्ण सत्र शनिवार को आयोजित हुआ, जिसमें सदन के अध्यक्ष असद कैसर ने अलग-अलग कारणों से तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित की। इस्तीफे की घोषणा के बाद कैसर ने पीएमएल-एन के अयाज सादिक को सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता करने को कहा, जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराया गया और वह पारित हो गया।

विपक्षी दलों ने आठ मार्च को इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। इसके बाद खान ने इसके पीछे विदेशी साजिश होने का आरोप लगाते हुए अमेरिका पर निशाना साधा था, लेकिन अमेरिका ने आरोपों को बेबुनियाद करार दिया था।

क्रिकेटर से नेता बने खान 2018 में ‘नया पाकिस्तान’ बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए थे। हालांकि, वह वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने की बुनियादी समस्या को दूर करने में बुरी तरह विफल रहे। नेशनल असेंबली का वर्तमान कार्यकाल अगस्त, 2023 में समाप्त होना था।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…