कोरोना महामारी की पाबंदियां खत्म होने से दो साल बाद लौटी माहे-रमजान की रौनक…
जामा मस्जिद इलाका हुआ गुलजार, देर रात तक बाजारों में चहल-पहल और खरीदारों की भीड़…
नई दिल्ली, 7 अप्रैल। मुसलमानों का पवित्र रमजान का महीना चल रहा है। कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले दो सालों से सरकार की तरफ लगने वाली पाबंदियों की वजह से रमजान महीने में मुसलमान अपने घरों में ही रोजे रख रहे थे और इबादत कर रहे थे। इसकी वजह से रिवायती तौर पर गुलजार रहने वाले दिल्ली की जामा मस्जिद के आसपास का इलाका काफी सूना-सूना नजर आया लेकिन इस साल कोरोना वायरस महामारी से जुड़ी पाबंदियां खत्म होने की वजह से यह फिर से गुलजार दिखाई दे रहा है। मस्जिद में नमाजियों की चहलपहल है। बाजारों में रोजेदार खरीदारी करते नजर आ रहे हैं। इसकी वजह से काफी रौनक देखने को मिल रही है।
कोरोना वायरस महामारी की वजह से पिछले दो सालों में लगी पाबंदियों और गाइडलाइन की वजह से मस्जिदों को बंद रखा गया था। लॉक डाउन की वजह से घरों में ही मुसलमान पवित्र रमजान माह का रोजा रख रहे थे और नमाज वगैरह पढ़ रहे थे लेकिन इस बार कोरोना का कहर कम होने की वजह से लोगों में काफी खुशी है। सरकार की तरफ से भी तमाम तरह की कई तरह की पाबंदियां हटा ली गई हैं। इसके मद्देनजर मुसलमान घरों से बाहर निकलकर मस्जिदों में जाकर इबादत कर रहे हैं और नमाज पढ़ रहे हैं। माहे-रमजान में पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज तरावीह के दौरान भी जामा मस्जिद में नमाजी नजर आ रहे हैं।
इसके साथ ही बाजारों में भी खुशी का माहौल है। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में बाजारों को खासतौर से सजाया संवारा गया है। जामा मस्जिद के साथ-साथ पुरानी दिल्ली की मस्जिदों को भी दिलकश तरीके से सजाया गया है जहां पर बड़ी तादाद में देर रात तक मुसलमान इबादत में मसरूफ रहते हैं। पिछले 2 साल की तुलना में इस साल का रमजान महीना काफी खुशगवार गुजर रहा है। कोरोना वायरस का खौफ और साया इस समय लोगों में बिल्कुल भी नहीं है। लोग कोरोना वायरस महामारी को हराने का जश्न मना रहे हैं।
जामा मस्जिद क्षेत्र में माहे-रमजान की रौनक़े देखते ही बनती हैं। खासतौर से रात में यहां का नजारा काफी हसीन होता है। खाने-पीने की दुकानें और दूसरी वस्तुओं की दुकानें देर रात तक खुली रहती हैं। जहां पर खरीदारों का जमावड़ा लगा रहता है। इस साल यह बाजार पूरी तरह से गुलजार हैं और यहां पर कोरोना वायरस महामारी के आने से पहले की तरह ही रौनक दिखाई पड़ रही है। रात की नमाज के बाद लोग बड़ी तादाद में बाजारों में चाय की चुस्कियां लेते और शरबत से गला तर करते देखे जा सकते हैं। लोग माहे-रमजान में बनने वाली खास नेमतों से भी लुत्फअंदोज हो रहे हैं। इसके साथ ही अपने घरों को वापस जाते हुए लोग सेहरी में खाई जाने वाली सूत-फेनी, मेवे और दीगर पकवानों को खरीद कर अपने साथ ले जा रहे हैं।
इसके विपरीत महामारी के दौरान यहां पर रमजान महीने में पूरी तरह से सन्नाटा छाया हुआ था। महामारी की डर से लोग घरों में दुबके हुए थे और बाहर निकलने से डर रहे थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं और पवित्र रमजान महीने का पूरा आनंद उठा रहे हैं। रमजान महीने में मुसलमान 30 दिनों का रोजा रखते हैं और इसके बाद मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार ईद मनाया जाता है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…