दार्जीलिंग में मनाएं मस्ती भरी गुदगुदाती छुट्टियां…
दार्जीलिंग वैसे भी देश के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक है, लेकिन परिवार के साथ खास तौर पर बच्चों को लेकर आनंद मनाने के लिए भी यह खासी मजेदार जगह है। यहां थोड़ी मस्ती भी हो जाएगी, थोड़ा घूमना भी, थोड़ा एडवेंचर और थोड़ा सीखना भी।
दार्जीलिंग देश की उन गिनी-चुनी जगहों में से एक है जहां अब भी छोटी लाइन की रेलगाड़ी चलती है। इनके छोटे आकार के चलते ही उन्हें टॉय ट्रेन कहा जाने लगा है। दार्जीलिंग की टॉय ट्रेन बॉलीवुड की कई फिल्मों में रंग जमा चुकी है- आराधना से लेकर बर्फी तक। छोटी लाइन की गाड़ी बच्चों के साथ बड़ों के लिए भी बड़ी आकर्षक होती है।
दार्जीलिंग के करीब पहुंचते-पहुंचते तो उससे दिखने वाला नजारा भी बेहद शानदार हो जाता है। घूम स्टेशन के बाद पटरी पर लूप बना हुआ है। वहां खूबसूरत बगीचा और सामने कंचनजंघा समेत हिमालय की बर्फीली चोटियां देखने के लिए बड़ी सी दूरबीन भी है। दार्जीलिंग में एक छोटा सा जू भी है। बच्चों को उसमें भी बहुत मजा आएगा। दार्जीलिंग की चाय तो बेहद मशहूर है ही। बच्चों को पास के किसी चाय बागान में ले जाकर चाय बनने की सारी प्रक्रिया की जानकारी दी जा सकती है। यह उनके लिए नई जानकारी देने वाला होगा। बच्चे रोमांच प्रेमी हों तो दार्जीलिंग के आसपास कई छोटे-छोटे व आसान ट्रैक भी हैं। उन्हें वहां भी ले जाया जा सकता है।
यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल निम्न हैं-
टॉय ट्रेन:- 19वीं शताब्दी के उत्तराद्र्घ में बनी टॉय ट्रेन दार्जीलिंग हिमालयन रेल मार्ग और बेहतर इंजीनियरिंग का उत्-ष्ट नमूना है। इस ट्रेन का पूरा ट्रेक 70 किमी का है। सड़कों के बीच हौले-हौले से गुजरती हुई यह ट्रेन पहाड़ के घुमावदार मोड़ों पर पर्यटकों का रोमांचक सफर का आनंद भी देती है। इस ट्रेन का सफर पर्यटकों के लिए दार्जीलिंग की खूबसूरती व यहाँ की संस्-ति से रूबरू होने का मौका देता है। तभी तो कहा जाता है कि टॉय के सफर के बगैर दार्जीलिंग की सैर अधूरी है। अपनी खूबियों व बेजोड़ इंजीनियरिंग का नमूना होने के कारण दार्जीलिंग हिमालयन रेलमार्ग को यूनेस्को ने विश्व संपदा घोषित किया है।
बतासिया लूप:- बेहतरीन इंजीनियरिंग का उदाहरण बना यह लूप पर्यटकों के सफर को रोमांचक बनाता है। दार्जीलिंग से 5 किमी की दूरी पर स्थित इस लूप पर टॉय ट्रेन एक यूनिक टर्न लेती है। इस लूप के पास स्थित बाजार में आप शॉपिंग का भी लुत्फ उठा सकते हैं।
टाइगर हिल:- टाइगर हिल पर चढ़ाई करके पर्यटक कंचनजंघा की खूबसूरत चोटियों की मोहक छटा को निहार सकते हैं।
निप्पोजन मायोजी बौद्घ मंदिर :- भारत में कुल 6 शांति स्तूप हैं, जिनमें से यह एक है।
शाक्य मठ:- दार्जीलिंग से 8 किमी की दूरी पर स्थित शाक्य संप्रदाय का प्रसिद्ध मठ।
धूम गोंपा:- दार्जीलिंग से 8 किलोमीटर दूर स्थित धूम गोंपा में मैत्रेयी बुद्ध की मोहक प्रतिमा है।
-बंगाल नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम
-पैसेंजर रोप-वे
-चाय के बागान
-जापानी पीस पेगोडा
-मिरिक
कैसे जाएंः दार्जीलिंग के लिए बड़ी लाइन का सबसे निकट का रेलवे स्टेशन दिल्ली-गुवाहाटी रेलमार्ग पर न्यू जलपाईगुड़ी है। वहां से सिलीगुड़ी महज चार किलोमीटर दूर है। सिलीगुड़ी से ही दार्जीलिंग के लिए छोटी लाइन की ट्रेन या बसें-टैक्सी मिलेंगी। हवाई यात्रा के लिए बागडोगरा सबसे निकट का हवाई अड्डा है। वहां से सड़क मार्ग से दार्जीलिंग जाना होगा।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…