173 शस्त्र लाइसेंस की फाइल गायब होने पर लिपिक बर्खास्त…
पूर्व मंत्री कमल रानी वरुण और दुर्दांत विकास दुबे की भी है फाइल…
कानपुर, 08 फरवरी। कानपुर में दुर्दांत विकास दुबे और दिवंगत पूर्व मंत्री कमल रानी वरुण समेत 173 लोगों के शस्त्र लाइसेंस की फाइल गायब होने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने आरोपी लिपिक को विजय रावत को बर्खास्त कर दिया है।
दो जुलाई 2020 को बिकरू में सीओ देवेन्द्र मिश्रा सहित आठ पुलिस कर्मियों की मौत के बाद पुलिस मुठभेड़ में मारे गए विकास दुबे के असलहों की जांच के दौरान एसआईटी को असलहा लाइसेंस गायब होने की बात सामने आई थी। जिसके बाद मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई थी। सीबीसीआईडी की जांच में दोषी पाए गए तत्कालीन सहायक शस्त्र लिपिक विजय रावत पर 22 दिसंबर 2020 को प्रशासन की तरफ से कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
बिकरू कांड के बाद पुलिस ने विकास दुबे समेत गांव के एक-एक शस्त्र लाइसेंस धारकों पर कार्रवाई करते हुए उनके लाइसेंस निरस्त कर दिए थे। इस दौरान पता चला कि वर्ष-1997 में विकास दुबे ने जो अपना पहला शस्त्र लाइसेंस बनवाया था, उसकी फाइल गायब है। मामले की विस्तृत जांच पर पाया गया कि विकास के शस्त्र लाइसेंस समेत 173 फाइलें गायब हैं। ये फाइलें 131 से 330 क्रमांक तक की थी। तत्कालीन सहायक शस्त्र लिपिक विजय रावत की अभिरक्षा में रखी गई थी। प्रशासन ने विजय रावत को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। इसी तरह आठ साल पहले कानपुर देहात कलेक्ट्रेट के असलहा अनुभाग से 200 फाइलें लाई गई थी। इनमें से 173 फाइलें गायब हो गईं थी। कानपुर नगर के मामले में एडीएम सिटी अतुल कुमार ने बताया कि लिपिक को बर्खास्त किया गया है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…