आबादी के हिसाब से यूपी के मुसलमानों को अवसर नहीं मिले : ओवैसी…

आबादी के हिसाब से यूपी के मुसलमानों को अवसर नहीं मिले : ओवैसी…

राजनीतिक दलों ने वायदे तो खूब किए मगर मुसलमानों के लिए किसी भी सरकार ने काम नहीं किया…

अखिलेश के ख्वाब में भगवान तो आते हैं लेकिन मुसलमान और उर्दू का डेवलपमेंट नहीं आता…

लखनऊ/उत्तर प्रदेश। ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन के अध्यक्ष व सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में आबादी के हिसाब से मुसलमानों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार में समुचित अवसर नहीं मिले। शुक्रवार को यहां गोमतीनगर में एक होटल में ओवैसी ने अपने इस बयान में समर्थन में सेंटर फार डेवलपमेंट पालिसी एण्ड प्रैक्टिस के शोधकर्ताओं के साथ कान्फ्रेंस कर एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश में मुसलमान कुछ ज्यादा ही बदहाली के शिकार हैं।

प्रदेश की मौजूदा और पिछली सरकारों को राज्य के मुसलमानों के इस कथित पिछड़ेपन का जिम्मेदार ठहराते हुए ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों का वोट बैंक हासिल करने के लिए राजनीतिक दलों ने वायदे तो खूब किए मगर मुसलमानों को आगे बढ़ाने के लिए किसी भी सरकार ने कोई काम नहीं किया और हमेशा प्रदेश के मुसलमानों को डरा धमका कर बहला फुसला कर उनका वोट हासिल किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैला रही है।

इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी घेरते हुए कहा कि अखिलेश के ख्वाब में भगवान तो आते हैं लेकिन मुसलमान और उर्दू का डेवलपमेंट नहीं आता। उन्होंने कहा कि यूपी के मुसलमानों के साथ तुष्टीकरण नहीं हुआ बल्कि बेहद नाइंसाफी हुई है। बकौल ओवैसी-मैंने संसद में मदरसा शिक्षकों के वेतन का मुद्दा उठाया था जिस पर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि न योगी सरकार ने और न ही केन्द्र की मोदी सरकार ने मदरसा शिक्षकों को पिछले कई वर्षों से वेतन दिया है। उन्होंने कहा कि यूपी के मुसलमानों के लिए फैसला करने का यह सही वक्त है। ओवैसी ने कहा कि यूपी के अल्पसंख्यकों में सबसे बड़ी आबादी मुसलमानों की ही है लेकिन यूपी में मुसलमानों के हालात बेहतर नहीं हैं। यही नहीं उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा मुसलमान रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों में जाते हैं।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…