सरकारी संस्थानों में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व उनके वोट के प्रतिशत के अनुपात में हो..
एएमयू ओल्ड बाॉयज एसोसिएशन का मत- चुनाव में अपने कारण के लिए मतदान करने पर आम सहमति बनाएं…
लखनऊ। “सरकारी संस्थानों में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व उनके वोट के प्रतिशत के अनुपात में होना चाहिए एवं गलत तरीके से दोषी ठहराए गए और लंबे समय से जेल में बंद लोगों के लिए त्वरित न्याय के लिए अदालती कार्यवाही में तेजी लाई जाए।” अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ओल्ड बाॉयज एसोसिएशन, लखनऊ द्वारा आज लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस में यह मांग की गई। कांफ्रेंस में अध्यक्ष डाॅ शकील अहमद व अन्य वक्ताओं द्वारा 9 विंदुओं को प्रमुखता से उठाया गया।
कांफ्रेंस में कहा गया कि देश के सबसे बड़े व अहम राज्य यूपी में विधानसभा चुनाव बेहद करीब हैं, ऐसे में सभी राजनीतिक दल वोट बैंक को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रहे हैं। आजादी के बाद से पिछड़े वर्गों खासकर मुसलमानों का का राजनैतिक रूप से अधिक शोषण किया गया है। जाति और धर्म के आधार पर मतदानका चलन स्वस्थ लोकतांत्रिक समाज के लिए अच्छा संकेत नहीं है। दुर्भाग्य से यूपी 20 प्रतिशत होने के बावजूद तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों के माध्यम से अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए मुस्लिम मात्र वोट बैंक के अलावा कोई राजनीतिक महत्व नहीं है। मुसलमानों की बुनियादी समस्याएं उनके सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक विकास से जुड़ी हुई हैं, जो अभी तक हल नहीं हुई हैं।
कांफ्रेंस में इस बात पर जोर दिया गया कि यह समय मुसलमानों व समाज के अन्य कमजोर वर्गों के लिए एक विशेष पार्टी को हराने की कोशिश में बहक जाने की बजाय अपने कारण के लिए मतदान करने के लिए आम सहमति पर आने का है। सबसे बड़े बौद्धिक संगठनों में से एक “एएमयू ओल्ड बाॉयज एसोसिएशन लखनऊ” ने राजनीतिक दलों द्वारा घोषणापत्र में अपनाए गए बुनियादी मुद्दों को उठाने जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा है कि अल्पसंख्यक और दलित बहुल क्षेत्रों में अच्छे स्कूल कालेजों, आईटीआई और अन्य व्यवसायिक केंद्रों की स्थापना हो। लखनऊ में सर सैयद अहमद खान के नाम पर अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय की स्थापना हो तथा सर सैयद अहमद खान को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाए।
यह भी मांग रखी गई कि पुलिस और अर्धसैनिक बलों में अल्पसंख्यकों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं। दलित मुसलमानों और दलित ईसाइयों के लिए आरक्षण के दरवाजे खोलने के लिए अनुच्छेद 341 के धार्मिक अवरोध को समाप्त किया जाए। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अधिसूचना संहिता को समाप्त किया जाए एवं उर्दू माध्यम के सरकारी स्कूलों में अधिकारिक उपयोग के लिए उर्दू भाषा को बढ़ावा दिया जाए एवं पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरूप सच्चर समिति की सिफारिशों के अनुसार उच्च शिक्षा संस्थानों में मुसलमानों का आरक्षण 8 प्रतिशत किया जाए। एसोसिएशन के सेक्रेटरी मोहम्मद शुएब ने बताया कि एसोसिएशन इन मुद्दों पर चर्चा करने और अल्पसंख्यकों व अन्य पिछड़े वर्गों के कल्याण लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए सभी राजनीतिक दलों के साथ संपर्क करने की योजना बना रहा है। आज के कार्यक्रम में विभिन्न जिलों के एएमयू के पूर्व छात्र उपस्थित थे। (19 दिसंबर 2021)
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट