विधानसभा सत्र की शुरुआत से पहले सपा कांग्रेस ने किया प्रदर्शन…
लखनऊ, 15 दिसंबर उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ ही बुधवार को गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को हटाने और प्रदेश की कानून व्यवस्था सहित कई मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
सपा विधायकों ने विधानसभा भवन के बाहर विधानसभा मार्ग पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जबकि कांग्रेस ने जीपीओ से विधानसभा तक पैदल जुलूस निकाला। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हुई।
सपा के कुछ विधायकों ने गन्ना किसानों के प्रति राज्य सरकार के उदासीन रवैये को उजागर करने के लिए हाथ में गन्ना लेकर प्रदर्शन किया, जबकि कुछ अन्य विधायक बढ़ती कीमतों के विरोध में नारे लिखी तख्तियां और रसोई गैस सिलेंडर के कट-आउट हाथ में लेकर प्रदर्शन करते नजर आए। सपा विधायक पार्टी का झंडा लहराते हुये मंहगाई पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।
सपा विधायक हाल ही में उप्र शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक के लिए सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।
प्रदर्शन के दौरान बसपा से निष्कासित विधायक असलम रायनी लाल टोपी पहने और सपा विधायकों के साथ प्रदर्शन करते दिखे।
सपा के विधानपरिषद सदस्य राजपाल कश्यप ने कहा, ”हम लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को हटाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, हम बढ़ती महंगाई की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं, जिसमें किसानों सहित अन्य लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति भी बहुत खराब है।”
सपा के एक अन्य विधानपरिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने कहा कि आम लोगों के प्रति राज्य सरकार का रवैया बहुत ‘उदासीन’ है। उन्होंने कहा, ”राज्य के लोगों ने आने वाले चुनावों में इस सरकार को उखाड़ फेंकने का मन बना लिया है।”
कांग्रेस पार्टी ने तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा (जिसमें आठ लोगों की जान गई थी) के संबंध में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को हटाने की मांग को लेकर जीपीओ से विधानसभा तक पैदल जुलूस निकाला।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा, ”क्या कारण है जो अब तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को मंत्रिमंडल से नहीं हटाया गया है? सरकार उन्हें क्यों बचा रही है?”
लल्लू ने कहा, “लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कहा कि यह एक पूर्व नियोजित साजिश थी जिसके कारण मौत हुई।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यक्रमों में व्यस्त हैं। ”वह कब कार्रवाई करेंगे? किसानों को न्याय कब मिलेगा?”
कांग्रेस विधायक लल्लू ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी, प्रश्न पत्र लीक, गन्ना किसानों की समस्याओं, आवारा पशुओं की समस्याओं और विशेष रूप से कानून व्यवस्था के मुद्दों को पार्टी सदन में उठाएगी।
इस बीच राज्य सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने वालों में आज बसपा विधायक नजर नहीं आये।
बसपा से निष्कासित गोरखपुर के चिल्लूपार से विधायक विनय शंकर तिवारी ने 12 दिसंबर को सपा में शामिल होने के बाद दावा किया था कि अब राज्य विधानसभा में बसपा के तीन विधायक ही बचे हैं।
सपा में शामिल हुए बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी ने कहा था कि 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बसपा ने 19 सीटें जीती थी लेकिन अब महज तीन विधायक उसके साथ रह गए हैं। इनमें मथुरा की मांट सीट से विधायक श्याम सुंदर, बलिया के रसड़ा क्षेत्र से विधायक उमाशंकर सिंह और आजमगढ़ की लालगंज सीट से विधायक आजाद अरिमर्दन शामिल हैं। बाकी विधायकों ने या तो पार्टी छोड़ दी है या फिर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट