जूनियर हॉकी विश्व कप : ओलंपिक पदक विजेता सीनियर टीम से प्रेरणा लेकर उतरेगी गत चैम्पियन भारतीय टीम…
भुवनेश्वर, 23 नवंबर। भारतीय जूनियर हॉकी टीम फ्रांस के खिलाफ बुधवार को जूनियर हॉकी विश्व कप के पहले मुकाबले में उतरेगी तो खिताब की रक्षा के लिये उसकी प्रेरणा सीनियर टीम होगी जिसने तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा था।
भारतीय सीनियर पुरूष हॉकी टीम ने 41 साल का इंतजार खत्म करके तोक्यो ओलंपिक में कांसे का तमगा अपने नाम किया। जूनियर टीम की नजरें तीसरे विश्व कप पर लगी होंगी। सबसे पहले आस्ट्रेलिया के होबार्ट में 2001 में भारत ने जूनियर हॉकी विश्व कप जीता और फिर 2016 में लखनऊ में खिताब अपने नाम किया।
सीनियर हॉकी टीम में जगह बनाने के लिये जूनियर हॉकी विश्व कप अहम कड़ी माना जाता है। जूनियर विश्व कप 2016 की टीम में शामिल नौ खिलाड़ियों ने तोक्यो ओलंपिक खेला था। विवेक सागर प्रसाद की अगुवाई वाली भारतीय टीम के सदस्य अपने प्रदर्शन के दम पर सीनियर चयनकर्ताओं का ध्यान खींचना चाहेंगे।
टूर्नामेंट से पहले सीनियर खिलाड़ियों के साथ रहने, अभ्यास करने और मैच खेलने का उन्हें काफी फायदा मिला है।
मनप्रीत सिंह और पी आर श्रीजेश जैसे सीनियर खिलाड़ियों के अलावा भारत के मुख्य कोच ग्राहम रीड ने जूनियर टीम के साथ भी काफी मेहनत की है जिसके कोच बी जे करियप्पा हैं।
अर्जुन पुरस्कार प्राप्त प्रसाद के रूप में जूनियर टीम के पास ऐसा कप्तान है जो शीर्ष स्तर पर खेल चुका है और ओलंपिक पदक जीत चुका है। स्टार ड्रैग फ्लिकर संजय उपकप्तान होंगे।
प्रसाद ने कहा, ‘‘हमारी टीम 2016 में चैम्पियन बनी और अब उसी तरह से प्रदर्शन करना चाहते हैं।’’
मुख्य कोच रीड ने कहा कि सीनियर के साथ अभ्यास का जूनियर टीम को फायदा मिला है।उन्होंने कहा, ‘‘हम विदेश में नहीं खेल सके लेकिन जूनियर खिलाड़ियों ने भुवनेश्वर में सीनियर टीम के साथ अभ्यास मैच खेले जिसका फायदा मिला है।’’
उन्होंने कहा,‘‘भुवनेश्वर आने के बाद से हम हालात के अनुकूल ढलने में लगे हैं। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले यहां अभ्यास करना अच्छा रहा।’’
भारत को पूल बी में फ्रांस, कनाडा और पोलैंड के साथ रखा गया है।पूल ए में बेल्जियम, मलेशिया, चिली और दक्षिण अफ्रीका हैं जबकि पूल सी में नीदरलैंड, स्पेन, कोरिया और अमेरिका की टीमें हैं।पूल डी में जर्मनी, पाकिस्तान, मिस्र और अर्जेंटीना हैं। हर पूल से शीर्ष दो टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुंचेंगी।
बेल्जियम, जर्मनी और नीदरलैंड के साथ भारत प्रबल दावेदारों में से है चूंकि आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ने कोरोना संबंधी यात्रा प्रतिबंधों के कारण नाम वापिस ले लिया है।
जर्मनी ने अब तक छह बार और भारत ने दो बार खिताब जीता है।अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया और पाकिस्तान ने एक एक बार खिताब अपने नाम किया है।
रीड ने कहा, ‘‘हमने 18 सदस्यीय टीम चुनी है और दो वैकल्पिक खिलाड़ी हैं। यह टीम दोबारा खिताब जीतने में सक्षम है क्योंकि काफी संतुलित है।इन्हें एक दूसरे पर और अपनी तैयारियों पर पूरा भरोसा है।’’
फ्रांस के बाद भारत 25 नवंबर को कनाडा से और 27 नवंबर को पोलैंड से खेलेगा। सभी मैच कलिंगा स्टेडियम पर जैव सुरक्षित माहौल में दर्शकों के बिना खेले जायेंगे।
पहले दिन ही बेल्जियम का सामना दक्षिण अफ्रीका से, मलेशिया का चिली से, जर्मनी का पाकिस्तान और कनाडा का पोलैंड से होगा।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…