तुर्की के इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या कर दी गई थी। इस मामले पर तुर्की के अभियोजक का कहना है कि दूतावास के अंदर जाते ही उनकी गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े किए गए थे। तुर्की ने बुधवार को इस बात की आशंका जताई कि सऊदी अरब हत्या की जांच में वास्तव में सहयोग करने के लिए तैयार है या नहीं।
वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार की हत्या के बाद सऊदी अरब पर जवाब देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बन रहा है। इस मामले के बाद से सऊदी के क्राउन प्रिंस बिन सलमान पर उंगली उठने लगी हैं क्योंकि खशोगी ने उनकी आलोचना की थी। इसी बीच राजधानी रियाद से मुख्य जांच अधिकारी को इस हफ्ते छानबीन के लिए इस्तांबुल भेजा जाएगा।
हालांकि बुधवार को तुर्की के एक अधिकारी ने कहा कि सऊदी के अधिकारियों की इस बात में ज्यादा रुचि है कि तुर्की के पास पत्रकार की हत्या से संबंधित क्या सबूत हैं। वह इसका पता लगाना चाहते हैं। अधिकारी ने कहा, ‘हमें ऐसा महसूस नहीं हुआ है कि वह हकीकत में जांच में सहयोग करने के इच्छुक हैं।’ 2 अक्तूबर को सऊदी दूतावास में खशोगी की हत्या कर दी गई थी।
जमाल खशोगी अपनी आगामी शादी के लिए पेपरवर्क के संबंध में दूतावास गए थे। अभी तक उनका शव बरामद नहीं हुआ है। सऊदी ने पहले कहा कि शखोगी को बिना कोई नुकसान पहुंचाए दूतावास से जाने दिया गया, फिर कहा कि झड़प में उनकी मौत हो गई। इसके बाद सऊदी सरकार ने आखिरकार मान लिया कि उनकी एक ऑपरेशन में हत्या कर दी गई है और इस मामले में 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
तुर्की मीडिया की खबरों के अनुसार रियाद से आई एक टीम ने पत्रकार की हत्या करके उनके टुकड़े-टुकड़े किए। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तय्यिप एर्दोगन ने सऊदी शासन से उस स्थान का पता बताने की गुहार लगाई जहां शखोगी का शव है। साथ ही उन्हें मारने का आदेश देने वाले की जानकारी देने को कहा है। वह संदिग्धों को तुर्की में होने वाले ट्रायल के लिए प्रत्यर्पित करने की लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन सऊदी ने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया है।