भारतीयों को 2020 में विदेशी मुद्रा विनियम शुल्क से 26,300 करोड़ रुपये का नुकसान…
मुंबई, 28 अक्टूबर । महामारी के बावजूद भारतीयों ने 2020 में दूसरे देशों को धन भेजने के लिए विदेशी मुद्रा विनियम शुल्क के रूप में 26,300 करोड़ रुपये का भुगतान किया। लंदन शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनी वाइज ने एक अध्ययन में यह कहा है।
धन प्रेषण से जुड़ी प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी वाइज ने बृहस्पतिवार को बताया कि इसमें से 9,700 करोड़ रुपये केवल ”छिपे हुए” मार्कअप (विनिमय दर से अतिरिक्त ली जाने वाली राशि) शुल्क के रूप में थे।
इस तरह भारतीयों को 2020 में 26,300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जबकि 2016 में यह आंकड़ा 18,700 करोड़ रुपये था।
अध्ययन में कहा गया कि विदेशों में धन भेजने के लिए लेनदेन शुल्क पर भारतीयों द्वारा खर्च की गई कुल राशि में पिछले पांच वर्षों में कमी आई है, लेकिन विनिमय दर मार्जिन के लिए भुगतान शुल्क बढ़ रहा है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि इससे धनप्रेषण शुल्क की बनावट में पारदर्शिता की कमी का पता चलता है, और उपभोक्ताओं को छिपे हुए शुल्क का खतरा होता है। उपभोक्ता अनजाने में प्रेषण सेवा के लिए विज्ञापित विनिमय दर से अधिक भुगतान करते हैं।
वाइज की क्षेत्रीय प्रबंधक रश्मि सतपुते ने कहा, ”प्रौद्योगिकी और इंटरनेट ने विदेशी धन प्रेषण को सुविधाजनक और तेज बनाया है, लेकिन शुल्क छिपाने की सदियों पुरानी प्रथा के चलते लोग छिपे हुए विदेशी मुद्रा विनिमय शुल्क पर बहुत अधिक खर्च करते हैं, जबकि ये पैसा उनकी जेब में रहना चाहिए।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट