अमेरिका ने चीन पर 2,000 से अधिक जासूसी मिशन चलाये: पीएलए अनुसंधानकर्ता…
बीजिंग, 28 अक्टूबर। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक अनुसंधानकर्ता ने चीनी सेना के एक वार्षिक सम्मेलन में कहा कि अमेरिकी युद्धपोतों और विमानों ने इस साल चीन पर निशाना साधते हुए 2,000 से अधिक जासूसी मिशन संचालित किये। उन्होंने दावा किया कि दोनों देशों के बीच शत्रुता बढ़ने के बीच इस तरह की करीबी जासूसी से देश की संप्रभु सुरक्षा को खतरा है।
पीएलए की एकेडमी ऑफ मिलिट्री साइंस में अनुसंधानकर्ता काओ यानझोंग ने कहा कि इन मिशनों में चीन नियंत्रित द्वीपों और विवादित दक्षिण चीन सागर में चट्टानों के साथ ही चीन के तटीय क्षेत्रों को भी निशाना बनाया गया।
काओ ने दसवें शियांगशान फोरम में एक पैनल से कहा, ‘‘इस तरह की करीबी जासूसी इतनी अधिक बार करने से चीन की संप्रभु सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है और क्षेत्रीय तनाव बढ़ जाता है जिससे चीन की ओर से पुरजोर विरोध को बढ़ावा मिलेगा और निसंदेह शस्त्रों के इस्तेमाल का जोखिम बढ़ सकता है।’’
अमेरिका और चीन के बीच संबंध इस समय सबसे कमजोर हैं। दोनों देश व्यापार समेत अनेक विषयों पर टकराव में उलझे हैं। विवादित दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के आक्रामक सैन्य रुख और हांगकांग, तिब्बत तथा शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों को लेकर भी दोनों देशों में तनाव की स्थिति है।
हांगकांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट अखबार ने बृहस्पतिवार को लिखा, ‘‘इस समय सबसे जरूरी काम है कि अमेरिका को गलत तरह से हमलों की आशंका को कम करने के लिए लगातार करीबी नजर रखने पर तत्काल रोक लगानी चाहिए।’’
चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर संप्रभुता का दावा करता है। वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन, ब्रूनेई और ताइवान इस दावे का विरोध करते हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…