दागी सूचना अधिकारियों के वेतन से होगी पौने तीन करोड़ रुपये की वसूली
चंडीगढ़। राज्य सूचना आयोग द्वारा लगाई गई जुर्माना राशि न भरने वाले दागी जन सूचना अधिकारियों से जुर्माना राशि वसूली के लिए सरकार ने कड़ा फैसला लिया है। मुख्य सचिव विजय वर्धन की अध्क्षयता में हुई मॉनिटरिंग कमेटी ने जुर्माना राशि वसूली सुनिश्चित करने के लिए आदेश जारी किए हैं।
आरटीआई एक्ट-2005 के तहत निर्धारित 30 दिन में सूचना देने का नियम है। विलंब से सूचना देने पर सूचना अधिकारी पर 250 रुपये प्रतिदिन की दर से अधिकतम 25000 रुपये जुर्माना करने का अधिकार सूचना आयोग के पास है। प्रदेश में ज्यादातर अधिकारी न तो टाइम से सूचना देते हैं और न ही जुर्माना राशि जमा करवाते हैं।
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वर्ष 2005 से अब तक सूचना आयोग ने 3589 मामलों में अधिकारियों को कुल 4.79 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें से 1726 अफसर कुल 2.76 करोड़ रुपये की जुर्माना राशि वर्षों से दबाए बैठे हैं। इनमें से सर्वाधिक जुर्माना राशि पंचायती राज विभाग के अफसर 93.90 लाख रुपये और शहरी निकाय विभाग के अफसर 61.65 लाख रुपये दबाए बैठे हैं।
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने इस जुर्माना राशि की वसूली को लेकर लोकायुक्त कोर्ट में गत वर्ष 21 जुलाई को केस दर्ज कराया था। इस पर प्रदेश सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जुर्माना राशि वसूली के लिए उच्च स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया। सरकार ने सूचना आयोग को जुर्माना वसूली और इसकी कारगर निगरानी के लिए ऑनलाइन सिस्टम कायम करने के निर्देश भी दिए हैं।
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