नम आंखों से हुआ शहीद सारज सिंह का अंतिम संस्कार…
पिता बोले- बदला जरूर ले सेना…
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शहीद हुए शाहजहांपुर के रहने वाले सारज सिंह का आज अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के वक्त वहां मौजूद हजारों की संख्या में लोगों की आंखें नम थी।लेकिन उनके दिलों में बदले की भावना भी थी,यह बदले की भावना पाकिस्तान के खिलाफ थी और वह सब शहीद की मृत्यु का बदला लेने की बात कह रहे थे।शहीद का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया,जिसमें सेना के जवानों ने उन्हें सलामी दी।बंडा ब्लाक के अख्तियारपुर धौकल के रहने वाले सारज सिंह कश्मीर में आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए शहीद हो गए थे,उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पहुंचा,जहां सैनिक सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी गई।शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में लोग सैनिक के घर पहुंचे और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी।उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मिनिस्टर सुरेश खन्ना शहीद के अंतिम दर्शन में शामिल हुए।
कल तक सब ठीक था, एक दिन पहले ही पत्नी की सारज सिंह से बात हुई थी तब अंदाजा नहीं था कि ये बात आखिरी होगी,अब उन्हें सारज सिंह की आवाज कभी सुनाई नहीं देगी।शादी को अभी एक साल ही हुआ इस दौरान सिर्फ दो बार ही पति से मिलना हुआ।जम्मू में जब भी कोई घटना घटती थी तो पत्नी बैचेन हो उठती थी जब तक सारज सिंह से फोन पर बात नहीं होती थी तब तक सुकून नहीं आता था।अब जब शहादत की खबर आयी तो पत्नी को पहले तो यकीन ही नहीं हुआ,पूरे परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है।बातचीत के दौरान पत्नी रंजीत कौर ने बताया कि पति देश के प्रति हमेशा समर्पित रहते थे और वह हमेशा कहते थे कि देश के लिए अगर जान चली जाए तो इससे बढ़कर मेरे लिए कुछ नहीं हो सकता।
बदले की भावना भी भड़क रही है- विचित्र सिंह
पिता विचित्र सिंह के मन में एक डर था जो सही साबित हो गया। चूंकि सारज के बड़े भाई गुरप्रीत सिंह और छोटे भाई सुखबीर सिंह सेना में थे इसलिए पिता नहीं चाहते थे कि वो सेना में जाएं।लेकिन देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा सारज के मन में था सो परिवार को भी अपना मन मारकर मंजूरी देनी पड़ी,उनके पिता विचित्र सिंह कहते हैं कि उनके लिए यह गर्व की बात है लेकिन उनके दिल में बदले की भावना भी भड़क रही है कि हमारी सेना इसका बदला जरुर ले।
गर्व और गम के साथ शहीद सैनिक सारज सिंह को अंतिम विदाई दी गई। पंचतत्व में विलीन होने पर उन्हें राजकीय सम्मान के साथ सलामी दी गई।अंतिम यात्रा में हजारों की तादात में भीड़ उमड़ी,तमाम राजनीतिक दलों के नेतागण भी पहुंचे।शहीद की एक झलक पाने को लोग सैकड़ों की संख्या में दौड़े चले आए।दोपहर 12 बजे के आसपास राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…