औषधि महानियंत्रक की स्वीकृति के बाद ही बच्चों को लगेगा टीका

औषधि महानियंत्रक की स्वीकृति के बाद ही बच्चों को लगेगा टीका

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर। सरकार ने आज कहा कि बच्चों के लिए कोविड टीकाकरण औषधि महानियंत्रक से मंजूरी मिलने के बाद ही शुरू किया जाएगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक अध्ययन में कोवैक्सीन के दो से 18 वर्ष के बच्चों को लगाने के लिए उपयुक्त बताया है। इस रिपोर्ट को औषधि महानियंत्रक के पास भेजा गया है और उसके विशेषज्ञों द्वारा इसकी जांच करके स्वीकृति दिये जाने के बाद ही बच्चों को टीका लगाया जाएगा।

श्री मांडविया ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत में कोविड टीकों का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। अक्टूबर में करीब 28 करोड़ टीकों का उत्पादन होने का अनुमान है जिसमें लगभग 22 करोड़ कोविशील्ड और करीब छह करोड़ कोवैक्सीन होंगे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की चौथी तिमाही में टीका उत्पादन मांग से ज्यादा हो जाएगा जिससे विदेशों में टीका निर्यात किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि देश में इस समय तक करीब 73 प्रतिशत यानी करीब 96 करोड़ लोगों को पहला डोज़ और लगभग 30 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज़ लगाये जा चुके हैं। बहुत जल्दी भारत पहला डोज़ लेने वालों के मामले में सौ करोड़ का आंकड़ा पार करने वाला है। यह देश की एक अनूठी उपलब्धि होगी। जिसे देश एक पर्व के रूप में मनाएगा।

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कोविड की तीसरी लहर की संभावना पर उन्होंने कहा कि जहां तक तीसरी लहर का सवाल है, वह अपने हाथ में है। अगर लोग अनुशासन और सावधानी बरतेंगे तो तीसरी लहर नहीं आयेगी। उन्होंने बच्चों में तीसरी लहर आने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा कोई अध्ययन नहीं है। पहली एवं दूसरी लहर में भी बच्चों में संक्रमण हुआ था लेकिन उन पर गंभीर असर नहीं हुआ। दोनों डोज़ लेने वाले लोगों खासकर बुज़ुर्गों को तीसरा बूस्टर डोज़ देने की योजना के बारे में पूछे जाने पर श्री मांडविया ने कहा कि अभी तक किसी भी विशेषज्ञ ने ऐसी बात नहीं कही है। इसके लिए एंटीबॉडीज़ की जांच करके वैज्ञानिक विश्लेषण के बाद निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले सीरो सर्वे में पता चला है कि 67 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी पायी गयी है। बच्चों में भी एंटीबॉडी मिले हैं।

विदेश यात्रा के लिए कोविड टीकाकरण प्रमाणन को लेकर आ रही दिक्कतों के बारे में एक सवाल पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दिये जाने के बारेे में प्रक्रिया चल रही है। कोविशील्ड को अनुमति मिल चुकी है। इसके अलावा विभिन्न देशों के बीच द्विपक्षीय आधार पर भी अनुमति प्राप्त की जा रही है। इसके तहत कोविशील्ड को बहुत सारे देशों ने मान्यता दी है। कोवैक्सीन को भी 15-16 देशों ने अनुमति दी है। कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से भी जल्दी स्वीकृति मिल जाएगी।

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