कोरोना से उपजी मानसिक समस्याओं को प्राथमिकता से दूर किया जाए : डब्ल्यूएचओ
नई दिल्ली, 09 अक्टूबर। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की पूर्व संध्या पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार को कहा कि कोरोना की वजह से पैदा हुई मानिसक समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाए। साथ ही डब्ल्यूएचओ ने दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों से बढ़ी हुई जरूरतों को पूरा करने के लिए सेवाओं को मजबूत कर सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवा को वास्तविकता बनाने का आग्रह किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन में दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि निम्न व मध्यम आय वाले देशों में मानसिक स्वास्थ्य समस्या से गुजर रहे अधिकांश लोगों
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को पर्याप्त इलाज उपलब्ध नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा कोरोना महामारी संकट ने चुनौतियों को और बढ़ा दिया है, जिससे प्राथमिकता के आधार पर निपटने की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ ने एक बयान जारी कर कहा है कि पिछले साल महामारी की शुरुआत के बाद से मानसिक स्वास्थ्य सेवा की मांग बढ़ी है, लेकिन यह सेवा या तो प्रभावित है या रूक गई है। बयान में कहा गया कि लोगों का अलग-थलग पड़ना, आय के स्रोत का खत्म होना, बेचैनी और डर ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया और जो पहले से ही इसके शिकार थे, उनकी स्थिति और भी खराब हो गई।
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