उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को हर्बल हुक्का पर प्रतिबंध पर पुनर्विचार का वक्त दिया

उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को हर्बल हुक्का पर प्रतिबंध पर पुनर्विचार का वक्त दिया

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शहर की सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर हर्बल हुक्का के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाले अपने आदेश पर पुन: विचार करने के लिए शुक्रवार को दो दिन का वक्त दिया। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने रेस्त्रां मालिकों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए विभाग को

पुनर्विचार करने के बाद एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। याचिकाओं में प्राधिकारियों को हर्बल हुक्का की बिक्री में हस्तक्षेप न करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। मामले पर अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी। पिछले महीने अदालत ने दिल्ली सरकार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने के लिए कहने का

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निर्देश दिया था। दिल्ली सरकार के वकील संतोष त्रिपाठी ने अदालत को बताया कि चूंकि सार्वजनिक स्थानों पर हर्बल हुक्का के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने वाला तीन अगस्त का आदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव ने दिया था तो डीडीएमए इस पर पुनर्विचार नहीं कर सकता। बहरहाल, अदालत ने कहा कि पुनर्विचार का निर्देश दिल्ली सरकार को दिया गया जो अब ‘‘तकनीकी रुख’’ अपना रही है।न्यायमूर्ति पल्ली ने दिल्ली सरकार को फैसला लेने के लिए और वक्त देते हुए कहा,

‘‘यह अदालत इस रुख की सराहना नहीं करती क्योंकि दिल्ली सरकार पहली प्रतिवादी है और उससे इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने की उम्मीद की जाती है। इस मामले पर सुनवाई समय-समय पर स्थगित हुई है। अदालत इस उम्मीद से समय देती है कि डीडीएमए इस पर पुनर्विचार कोगा कि क्या प्रतिबंध का आदेश जारी रहने की आवश्यकता है। न्याय के हित में विभाग को आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए दो दिन का वक्त दिया जाता है। आप रामलीला चालू कर रहे हैं। आप सब कुछ खोल रहे हैं।

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