बापू को जहर देने से मना करने वाले बत्तख मियां पर किताब का विमोचन

बापू को जहर देने से मना करने वाले बत्तख मियां पर किताब का विमोचन

– छत्तीसगढ़ के पूर्व पुलिस महानिदेशक मोहम्मद वजीर अंसारी ने लिखी है यह पुस्तक

रांची पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव धूमधाम से मना रहा है। इस अवसर पर स्वतंत्रता आंदोलन के ऐसे बलिदानियों को भी याद किया जा रहा है जिनके बारे में इतिहास की किताबों में बहुत कम जिक्र मिलता है। ऐसे ही एक महान स्वतंत्रता सेनानी बत्तख मियां के बारे में एक पुस्तक सामने आई हं। अंजुमन बका-ए-अदब रांची के अंजुमन इस्लामिया रहमानिया मुसाफिर खाना के हॉल में छत्तीसगढ़ के पूर्व पुलिस महानिदेशक मोहम्मद वजीर अंसारी की पुस्तक “बत्तख मियां अंसारी की अनोखी कहानी” का विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता व संचालन अंजुमन के महासचिव नसीर अफसर ने किया एवं मुख्य अतिथि के तौर पर मौलाना आजाद कॉलेज के पूर्व प्राचार्य मोहम्मद शम्सुल हक ने भाग लिया।

पुस्तक के लेखक मोहम्मद वजीर अंसारी ने अपने सम्बोधन में बताया कि बत्तख मियां अंसारी ने राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की जान अंग्रेजों के चंगुल से बचाई थी। उन्होंने ने बताया कि देश की आजादी से पहले चंपारण आंदोलन के दौरान अंग्रेज अफसर इर्विन ने गांधी जी की हत्या की पूरी योजना बना ली थी। योजना के तहत गांधी जी को खाने पर बुलाकर और उनके खाने में जहर मिलाकर उनकी जीवन लीला समाप्त करने की थी। अंग्रेज अफसर ने अपने खानसामां बत्तख मियां से कहा था कि गांधी के दूध में जहर दे देना। इर्विन की बात यदि बत्तख मियां मान गए होते तो फिर आज हमारे देश का इतिहास क्या होता?

उन्होंने कहा कि भारत में गांधी जी की हत्या की यह पहली कोशिश थी जोकि बत्तख मियां के कारण नाकाम हो गई थी। बत्तख मियां को इसके लिए जेल भी जाना पड़ा। घर-खेत नीलाम हो गया लेकिन बत्तख मियां को इसकी कतई परवाह नहीं थी। बाद में बत्तख मियां रिहा हो गए लेकिन आज सौ साल बाद भी इनका परिवार गरीबी में जीवन बसर कर रहा है। आज यह सब याद दिलाने का कारण यह है कि पहली बार बत्तख मियां पर लेखों का संकलन ‘बत्तख मियां अंसारी की अनोखी कहानी’ नाम से प्रकाशित हुआ है। अमृत महोत्सव के इस साल में हम ऐसे ही गुमनाम नायकों को सामने लाने की कोशिश कर रहे हैं। अन्य वक्ताओ में मंज़ूर अहमद अंसारी, राम नाथ सिंह, डॉ. अहमद सज्जाद, मोहम्मद कासिम अंसारी, कामेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव निरंकुश आदि शामिल थे। धन्यवाद ज्ञापन अंजुमन की उपाध्यक्ष डॉ. सुरिंदर कौर नीलम ने दिया।

“हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट