भूडेर पाल के किसानों ने संभाली धरने की कमान

भूडेर पाल के किसानों ने संभाली धरने की कमान

पलवल, 18 सितंबर। नए कृषि कानूनों को निरस्त कराने की मांग के संबंध में केएमपी-केजीपी इंटरचेंज पर चल रहा किसानों का आंदोलन जारी रहा। भुडेर पाल के किसानों ने धरने की कमान संभाली। किसानों ने 27 सितंबर को भारत बंद की

सफलता के लिए 25 को गांवों तथा 26 सितंबर को पलवल शहर में मशाल जुलूस निकालने के लिए लोगों को जिम्मेदारी सौंपी।इस दौरान किसान नेता और राष्ट्रीय एकता मंच के अध्यक्ष स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती व उदयचंद सरपंच ने कहा कि नए कृषि कानूनों से कृषि क्षेत्र भी पूंजीपतियों और कारपोरेट घरानों के हाथों में चला गया है। इससे ठेका खेती को बढ़ावा मिलेगा तथा इस व्यवस्था में किसानों को कोई सुरक्षा नहीं दी गई है। ये तीनों कानून किसानों को बंधुआ मजदूरी की ओर धकेल देंगे, क्योंकि ठेका

खेती में जो कंपनी या व्यक्ति अनुबंध करेगा उसे प्राकृतिक आपदा व कृषि में हुए नुकसान से कोई लेना देना नहीं होगा। इसका नुकसान केवल किसान उठाएगा। इसका कारण है कि नए कानूनों में भंडारण की सीमा हटाकर जमाखोरी को कानूनी गारंटी दे दी गई है। इस पर सरकार नजर रखना बंद कर देगी, जिससे रिटेल में उतरने वाली कंपनियां जमाखोरी करेंगी। कंपनियां सस्ते में अनाज खरीदकर महंगे दाम पर बेचेंगी। किसान नेता सोहनपाल चौहान और रमेशचंद गौड़ौता ने बताया कि नए कानूनों से

मंडी सिस्टम धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा तथा इस कानून से मंडी समितियों का निजीकरण हो जाएगा। इसके कारण किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिलेगा। शनिवार को चंद्रमुनि आर्य धतीर की अध्यक्षता में आयोजित धरने का संचालन राजकुमार ओहलियान ने किया। किसान नेता ताराचंद, राजेंद्र बैंसला, बाबूराम सरपंच, धनीराम थानेदार, नरेंद्र सहरावत, इंद्रसिंह रावत, रोशनलाल, समायराम, बीर सिंह, बिजेंद्र बढ़राम, गोपी हवलदार, करतार चौहान ने भी धरने को संबोधित किया।

“हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट