डॉ मुकर्जी का सपना संस्कृत और विज्ञान का समन्वयात्मक…
अध्ययन हो अपना = नम्रता शर्मा…
डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जीवनी को अपने शब्दों से पुस्तक में उकेरने के बाद नम्रता शर्मा जी ने गोवर्धन में मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि मुझे ब्रज से बहुत लगाव है,और मुझे यहाँ हर वक्त राधे-राधे के शब्द सुनाई देते हैं। विदित हो कि नम्रता शर्मा ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुकर्जी ‘एक शिक्षाविद’ पुस्तक डॉ नन्दकिशोर गर्ग , कुलाधिपति , महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय के साथ लिखी है, जिसका विमोचन केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री श्री महेंद्र नाथ पाण्डे ने किया था।उन्होंने बताया कि किताब का प्रकाशन नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने किया है,और वे इस पुस्तक को महामहिम राष्ट्रपति महोदय को भी भेंट कर चुके हैं ।डॉ गर्ग तथा नम्रता शर्मा ने इसी विषय पर अंग्रेजी भाषा में भी किताब लिखी है जिसका प्रकाशन प्रभात प्रकाशन, दिल्ली से हुआ है जो अमेज़ॉन. इन तथा अन्य शॉपिंग साइट्स पर उपलब्ध है। किताब का जल्द ही विमोचन होने वाला है।साथ ही युवा पीढ़ी के हिंदी प्रेम से दूर होने पर उन्होनें चिंता जताई और कहा कि अगर तरक्की करनी है तो अपनी मातृभाषा पर पकड़ बनानी पड़ेगी,युवा पीढ़ी क्रिकेटर को खेलते हुए देखती है लेकिन सफल बनने के लिए उस खिलाड़ी ने जो पसीना बहाया उससे अनभिज्ञ रहती है।वे बोलीं कि युवा पीढ़ी ने क्लासिकल कवियों और लेखकों को नहीं पढ़ा है, और न ही व्याकरण के बारे में आज के युवा जानना चाहते हैं । भाषा का स्वरुप बचा रहेगा तभी तो हमारी संस्कृति की भी रक्षा होगी। नम्रता शर्मा जी का जन्म जगाधरी हरियाणा में हुआ था और वे अब शैक्षणिक क्षेत्र में नई दिल्ली की गुरु गोबिंद यूनिवर्सिटी के महाराजा अग्रसेन कॉलेज में अंग्रेजी की शिक्षा दे रही हैं और इसके साथ-2 वे गीता पर भी शोध कर रही हैं।यही उनकी प्रेरणा है
पत्रकार अमित गोस्वामी की रिपोर्ट…