जोर शोर से चल रहा है पैसे लेकर ई-पास बनवाने का गोरखधंधा

जोर शोर से चल रहा है पैसे लेकर ई-पास बनवाने का गोरखधंधा

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में बढ़ते करोना के मामले को देखते हुए दिल्ली सरकार ने 17 मई तक के लिए दिल्ली में लॉकडउन लगा रखा है। जिसकी वजह से किसी व्यक्ति को दिल्ली एनसीआर से कुछ सामान लेने या किसी और शहर आना जाना है। तो उसे डीएम से ई-पास बनवाना होगा तभी वह इधर उधर आ जा सकता है। लेकिन दिल्ली में कुछ ऐसे साइबर कैफे वाले है जिनकी डीएम ऑफिस के कर्मचारियों से अच्छी सांठगांठ है यह पैसे देकर कुछ ही समय में लोगों का ई-पास बनवा कर दे रहे हैं। इस तरह का गोरखधंधा जोर शोर से चल रहा है। एक तरफ जरूरतमंद ई-पास बनवाने के लिए स्थानीय डीएम और वेबसाइट पर जाकर ई-पास बनवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाता है। इनमें से कुछ का ई-पास बन जाता है, और कुछ लोगों का नहीं बन पाता। लेकिन दिल्ली में कुछ ऐसे गिरोह भी सक्रिय हैं जो पैसे देकर कुछ ही देर में लोगों को लिए ई-पास बनवा देते हैं। बिना जांच पड़ताल की ई-पास बनाने के गोरखधंधे का भांडा फोड़ एक पार्षद ने खुद पास बनवा कर किया है। इस मामले में डीएम गीतिका शर्मा ने कहा कि इसको लेकर शिकायत पार्षद ने की है। डीएम का कहना है कि इस मामले की जांच साइबर सेल को दे दी गई है। रघुवर पुरा वार्ड के पार्षद श्याम सुंदर अग्रवाल ने बताया कि मेरे ऑफिस में दो लोग ई पास बनवाने के लिए आए। मैंने उनसे कहा कि ई-पास डीएम बनाता है आप वहां जाकर अप्लाई करें। पार्षद के कार्यालय में बैठे एक अन्य भाजपा कार्यकर्ता गौरव शर्मा ने कहा कि साउथ अनारकली कृष्णा नगर में साइबर कैफे वाला 1000 ई-पास तुरंत बना कर दे देता है। आप चाहो तो अभी बनवा देता हूं पार्षद को यकीन नहीं हुआ। पार्षद एक आम नागरिक बनकर साउथ अनारकली कृष्णा नगर के साइबर कैफे वाले के पास पहुंच गए। दुकानदार से उन्होंने दिल्ली एनसीआर आने जाने के लिए ई-पास बनवाने की बात कही। साइबर कैफे मैं बैठे राहुल नाम के लड़के ने उनसे उनका आधार कार्ड जीएसटी नंबर और ट्रेड लाइसेंस के कागज मांगे। पार्षद ने उनसे कहा कि मेरे पास केवल आधार कार्ड है और मुझे पास कुछ ही घंटे में चाहिए। तो दुकानदार ने आधे घंटे में पास बनाने की बात कही उसके लिए उसने 1000 रुपए की मांग की। इस पर पार्षद ने कुछ पैसे कम करने के लिए कहा तो उसने कहा कि 800 रुपए तो डीएम के ऑफिस में कर्मचारियों को जाते हैं 1000 से कम नहीं लगेंगे। पार्षद ने 1000 रुपए दे दिए, उसी दौरान साइबर कैफे वाले ने कुछ पैसे किसी के अकाउंट में भेजें और मुझसे कहा कि आप जब तक घर पहुंचेगे तब तक आपका ई-पास बन जाएगा। मैं आपके व्हाट्सएप पर ई-पास भेज दूंगा। पार्षद श्याम सुंदर ने बताया कि कुछ देर बाद मेरे व्हाट्सएप पर ई-पास की कॉपी आ गई। यह ई-पास 14 से 17 मई तक के लिए बनाया गया है। बाद में निगम पार्षद श्याम सुंदर अग्रवाल ने इस गोरखधंधे की शिकायत नॉर्थ ईस्ट की डीएम गीतिका शर्मा से की उन्होंने लिखित में शिकायत की थी आपके कार्यालय से बिना वेरिफिकेशन के बिना किसी जांच के ई-पास बनाए जा रहे हैं इसी तरह का पास मैंने भी आज बनवाया है जिसकी जानकारी आपको दे रहा। पार्षद ने बताया कि डीएम ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की पूरी जांच की करेंगी और इसमें जो भी दोषी हैं उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पार्षद ने कहा कि ई-पास बनाने के गोरखधंधे पूरे दिल्ली में चल रहे हैं इस मामले में निष्पक्ष जांच कराई जाए साइबर कैफे वाले ने जिस व्यक्ति को कैसे ट्रांसफर करें हैं उसकी भी डिटेल निकाली जाए अगर वह डीएम कार्यालय में काम करता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए और इस तरह के साइबर कैफे पर लगाम लगाई जाए।