सरकार की अच्छी योजनाओं के साथ बसखारी में हो रहा है खिलवाड़…

सरकार की अच्छी योजनाओं के साथ बसखारी में हो रहा है खिलवाड़…

रामउजागिर: महीने का राशन भी नहीं मिलता है 👆

राजकुमार: अनाज का एक दाना नहीं मिला 👆

  दिलीप: सभासद महोदय भी नहीं सुनते हैं ? 👆

गरीबों पात्रों को नहीं मिल रहा राशन: अधिकारी, कोटेदार और सभासद कर रहे हैं खेल…

अंबेडकरनगर। देश में आयी वैश्विक महामारी के चलते लोगों की जिंदगियों में ग्रहण लग गया कमाने खाने से लेकर जीने तक को लाला पड़ गया लेकिन लाॅकडाउन से प्रभावित लोगों, गरीब मजदूरों, मजलूमों, मजदूरों, निराश दीनहीन, असहायों और पात्रों के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश की योगी सरकार ने बड़े पैमाने पर पहल करते हुए राशन वितरण का फरमान जारी करते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का लक्ष्य जो रखा था वह जनपद अंबेडकरनगर में पूरी तरह ध्वस्त नजर आ रहा है, सरकार के जो भी फरमान हैं यहां सब ताख पर रख दिए गए। जिला आपूर्ति विभाग गरीबों के साथ खेल पर खेल करता गया लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं।
जनपद की विभिन्न तहसीलों के अंतर्गत कई ऐसे प्रकरण आए जिसमें कोटेदार द्वारा अनियमितता, गरीबों के हक पर डाका डालना, पात्रों के साथ गुंडागर्दी करना, यहां तक की विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता खुलकर सामने आयी, लेकिन आज तक इन पर अंकुश लगाने वाला ना ही शासन का कोई जिम्मेदार दिखाई पड़ा और ना ही प्रशासनिक स्तर से इस पर अंकुश लगाने वाला कोई नजर आया ? जिसका खामियाजा बसखारी ब्लॉक की जनता भुगतना पड़ रहा है। सरकारी राशन की दुकान चलाने वालों की मनमानी के कारनामे आए दिन सामने आ रहे हैं।
लगातार मिल रही शिकायतों के बाद जब पीड़ितों का हाल और योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए मीडिया के लोग क्षेत्र में पहुंचे तो गरीब परिवारों ने अपनी दयनीय दशा और व्यथा को खुलकर व्यक्त किया। पीड़ित राजकुमार, रामउजागिर निवासी मलिकपुर मखदूम नगर बसखारी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान राशन कार्ड तो बन गया लेकिन आज तक कोटेदार राशिद ने एक दाना अनाज नही दिया न ही फ्री वितरण प्रणाली के माध्यम से उन्हे राशन मिला और ना ही प्रतिमाह का मिलने वाला राशन। सभासद शिवपूजन के पास जाने पर भी सुनवाई नहीं होती। पीड़ितों ने बताया कि कोटेदार से शिकायत करने पर जवाब मिलता है कि 3 महीने बाद राशन मिलेगा। अब गरीब व्यक्ति जाएं तो कहां जाएं। कुछ ऐसा ही हाल वार्ड नंबर 2 के पीड़ित दिलीप कुमार ने भी बताया। दिलीप कुमार का कहना है कि न सभासद मयाराम सुनते हैं ना ही कोटेदार राशिद सुनते हैं ना ही नगर पंचायत का कोई अधिकारी और कर्मचारी, अपनी समस्या कहें तो किससे कहें ? गरीबों को यहां सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।

पत्रकार असलम अब्बास की रिपोर्ट, , ,