COVID-19: जब राष्ट्रपति ट्रंप से पूछा गया- क्या चीन पर कोई एक्शन लेंगे? मिला यह जवाब…
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक दो नहीं कई बार खुलकर चीन के खिलाफ बयान दे चुके हैं. ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियां कोरोना के वुहान लैब से लीक होने का आरोप लगा चुकी हैं. जापान चीन की चाल को समझकर वहां से अपनी कंपनियों को निकालने की तैयारी कर रहा है. वहीं जर्मनी की चांसलर तो कोरोना से पहले भी कई मुद्दों पर चीन पर अविश्वास जाहिर कर चुकी हैं. यह संक्रमण चीन के वुहान शहर से फैलना शुरू हुआ था और इसने अब तक दुनिया में 1,19,666 लोगों की जान ले ली है और करीब 20 लाख लोग इससे संक्रमित हैं.
अमेरिका जो इस वक्त कोरोना से सबसे बड़ी जंग लड़ रहा है. चीन पर सबसे ज्यादा खफ़ा है. राष्ट्रपति ट्रंप ने तो चीन को साफ साफ धमकी दे दी है कि कोरोना से जुड़ी सूचनाओं को छिपाने वाले चीन को इसका अंजाम भुगतना होगा. राष्ट्रपति ट्रंप ने एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए ये भी कहा है कि चीन को बहुत जल्द मालूम चल जाएगा, उसे सच छिपाने की कितनी बड़ी कीमत चुकानी होगी.
व्हाइट हाउस में सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में एक पत्रकार ने ट्रंप से बार-बार सवाल किया कि इसके लिए चीन कोई दुष्परिणाम क्यों नहीं भुगत रहा? इसके जवाब में ट्रंप ने कहा, “आपको कैसे पता, इसके कोई दुष्परिणाम नहीं हैं?” इस बारे में बार-बार सवाल किए जाने पर ट्रंप ने कहा, “मैं आपको नहीं बताऊंगा. चीन को पता चल जाएगा. मैं आपको क्यों बताऊंगा?” चीन के खिलाफ अमेरिकी सांसदों की टिप्पणियों के बीच ट्रंप ने कहा, “आपको पता चल जाएगा.”
वैसे अमेरिका में चीन को सबक सिखाने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है. सीनेटर स्टीव डेन्स ने राष्ट्रपति ट्रंप को चीन के खिलाफ चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में चीन से मेडिकल आपूर्ति और उपकरणों पर निर्भरता खत्म करने की मांग की है. अमेरिका में दवाइयां बनाने से जुड़ी नौकरियों को वापस लेने की मांग की गई है. चार रिपब्लिकन सांसदों ने चीन पर निर्भरता कम करने के लिए विधेयक पेश किया गया है. अमेरिका से जो संकेत मिल रहे हैं उसके मुताकि चीन के पर कतरने के लिए अमेरिका चीन से अपनी कंपनियों को वापिस बुलाने की तैयारी में जुटा है लेकिन चीन के खिलाफ ये गुस्सा सिर्फ अमेरिका में नहीं है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…