क्या इस दाढ़ी वाले बुजुर्ग को जानते हो ? ये वही मज़लूम अब्दुल करीम उर्फटुंडा हैं जिसे हैदराबाद बम ब्लास्ट का अहम गुनाहगार बना कर 22 साल जेल में सड़ा दिया था!जाने पूरी दास्तान…
कौन लौटाएगा इनकी जिंदगी के वह कीमती 22 साल…
मार्च गुरुवार 5-3-2020है कोई जो इस बेगुनाह बेबस और मजबूर इंसान की जिंदगी के बेहतरीन 22 सालो में से कुछ साल ही लौटा दे।
हैदराबाद बम ब्लास्ट केस में संदिग्ध और लश्कर-ए-तोइबा का आतंकवादी जैसे जबरन इल्जाम झेल चुके ये जनाब अब्दुल करीम उर्फ टुंडा हैं।
जिन्हें 1998 हैदराबाद बम ब्लास्ट मामले मे आरोपी कहलाकर गिरफ्तार किया गया था ।
पुरे 22 साल बाद जेल में सड़ते रहे हड्डी पसलियाँ गल गयी मौत के मुंह में पहुँचा कर अब तब कहीं इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत ना होने की बिना पर इन्हें बाईज्जत बरी कर दिया?
बिना किसी जुर्म के 23 साल तक जेल में बंद रखे जाएं. कोई जमानत नहीं कोई परोल नहीं!
ज़िंदगी क्या से क्या हो गई और फिर एक दिन अदालत इस बुजुर्ग को बरी कर देती है,जिस के खिलाफ
दोषी मानने के लिए आरोप लगाने वालों के पास पर्याप्त सबूत तक मौजूद नहीं ,तो क्या ये इंसाफ़ माना जाएगा?
क्या इसे न्याय माना जाना चाहिए?
सेंट्रल जेल की गुंबदाकार गेट खुलती है।
अंदर से एक जोड़ी कपडों की थैली के साथ पैर गेट के बाहर निकलते हैं।
उसकी दाढ़ी जैसे जान-बूझकर बढ़ी हुई छोड़ दी गई हो।
ताकि देखने वाले समझ जाएं, वो बहुत दिनों बाद जेल का सफर भुगत कर लौटा है?
वाह री किस्मत !
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…