फीफा ने भारतीय फुटबॉल महासंघ से हटाया प्रतिबंध, अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप भारत में ही होगा…

फीफा ने भारतीय फुटबॉल महासंघ से हटाया प्रतिबंध, अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप भारत में ही होगा…

ज्यूरिख/नई दिल्ली, 27 अगस्त। विश्व फुटबॉल संचालन संस्था फीफा द्वारा अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) पर लगाया गया प्रतिबंध हटा दिया गया है। फीफा ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। फीफा ने अपने बयान में कहा, ”परिषद ने 25 अगस्त को एआईएफएफ के निलंबन को तत्काल प्रभाव से हटाने का फैसला किया। अब  फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 11 से 30 अक्टूबर तक भारत में योजना के अनुसार आयोजित किया जा सकता है।”

फीफा द्वारा जारी बयान में आगे कहा गया, ”फीफा को इस बात की पुष्टि मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया था कि एआईएफएफ कार्यकारी समिति की शक्तियों को ग्रहण करने के लिए स्थापित प्रशासकों की समिति (सीओए) को समाप्त कर दिया गया है और एआईएफएफ प्रशासन ने एआईएफएफ के दैनिक मामलों पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया था। फीफा और एएफसी स्थिति की निगरानी करना जारी रखेंगे और समय पर चुनाव कराने में एआईएफएफ का समर्थन करेंगे।”

क्यों लगा था प्रतिबंध?

दरअसल, मंगलवार (16 अगस्त) को फीफा ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण एआईएफएफ को निलंबित कर दिया था। फीफा के नियमों और संविधान के गंभीर उल्लंघन की वजह से यह निर्णय लिया गया था। भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को अपने 85 साल के इतिहास में पहली बार फीफा से निलंबन झेलना पड़ा। फीफा के इस फैसले ने अक्तूबर में होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी के अधिकार भी भारत से छीन लिए गए थे।

कौन है तीसरा पक्ष, जिसके हस्तक्षेप से शुरू हुआ मामला?

एआईएफएफ के चुनाव फीफा परिषद के सदस्य प्रफुल्ल पटेल के नेतृत्व में दिसंबर 2020 तक होने थे, लेकिन इसके संविधान में संशोधन पर गतिरोध के कारण इसमें देरी हुई। इसके बाद इसी महीने की शुरुआत में (तीन अगस्त) सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत चुनाव कराने का आदेश दिया था और कहा था कि निर्वाचित समिति तीन महीने की अवधि के लिए एक अंतरिम निकाय होगी। सीओए ने चुनाव को अपने मुताबिक कराने का तय किया और इसमें कुछ पूर्व प्रमुख खिलाड़ियों से वोट कराने का फैसला लिया। इसे फीफा ने तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप माना।

पांच अगस्त को ही फीफा ने तीसरे पक्ष (सीओए) के हस्तक्षेप को लेकर भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को को निलंबित करने की धमकी दी थी। इसके साथ ही फीफा ने अक्तूबर में होने वाले महिला अंडर-17 विश्वकप की मेजबानी के अपने अधिकार भी छीन लेने की चेतावनी दी थी। 16 अगस्त को फीफा ने कुछ सुधार न होने पर एआईएफएफ को बैन कर दिया।

सीओए को सुप्रीम कोर्ट ने किया था भंग

फीफा द्वारा प्रतिबंध का मामला जब सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था सीओए को भंग कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को कहा कि अगले आदेश तक प्रशासकों की समिति (सीओए) भारतीय फुटबॉल संघ (एआईएफएफ) के मामलों पर कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी।

हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…