लखनऊ। हिन्द वतन समाचार….
भारतीय इतिहास की सबसे बड़ी और विवादित तारीख़ के कराहते हुए 26 साल गुज़र गए। 06 दिसंबर-1992 “बाबरी मस्जिद विध्वंस” जैसे जैसे ये तारीख़ करीब आती है वैसे वैसे 06 दिसंबर-1992 से आज तक की सारी यादें ताजा हो जाती है। 1992 का साल और उसकी वो तारीख़ 06 दिसंबर जिस दिन आयोध्या में एक ऐसी घटना हुई जिसका खामियाज़ा जनता को आज तक भुगतना पड़ रहा है और खास कर 06 दिसंबर-1992 की घटना का असर आज तक देखने को मिलता है। दरअसल इसी दिन को बाबरी मस्जिद को ढहा कर इतिहास बदल दिया गया था। आज ये मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
प्रदेश के चप्पे-चप्पे पर है पुलिस की नज़र, बाबरी मस्जिद विवाद के मद्देनज़र अयोध्या बनी छावनी
06 दिसंबर की तारीख़ आते ही प्रदेश के सभी शहरों में निगरानी करते हुए चौकसी व कड़ी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों ने पूरी अयोध्या नगरी की गश्त कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। अयोध्या में आने
जाने वाले सभी छोटे बड़े वाहनों को चेकिंग के बाद ही नगरी में प्रवेश मिलेगा। सुरक्षा के मद्देनज़र जिले की सीमा पर भी अलग से टीम लगाई गई है ताकि अराजक तत्व अयोध्या में घुस न सके इसी के मद्देनज़र सीमावर्ती जिलों से भी समन्वय बनाकर लगातार कार्य किया जा रहा है। बाहर से आने जाने वाले लोगों की निगरानी के लिए अयोध्या नगर ही नहीं बल्कि फैजाबाद शहर में भी काम हो रहा है और होटल व गेस्ट हाउस के संचालकों को निर्देश भी जारी किए गए हैं कि सभी आने जाने वालों कि पूरी जानकारी सुरक्षित रखी जाये। संवेदनशील इलाकों में भी पुलिस ने गश्त जारी रखी है।
पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है
प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस की टीमों ने फैजाबाद शहर में और अयोध्या में होने वाले परंपरागत कार्यक्रम स्थलों का जायजा भी लिया। धारा 144 लागू कर प्रशासन ने अराजक तत्वो को चेतावनी दी ताकि कोई अप्रिय घटना घटित न हो सके। रामलला का दर्शन सुचारू रहेगा, लेकिन भीड़ अथवा नारेबाजी करते हुए परिसर की ओर जाने पर रोक है। अयोध्या में बड़ी संख्या में फोर्स की तैनाती की गई है। सभी रास्ते जो कि प्रमुख मंदिरों की ओर जाते है वहां भी पुलिस ने बम निरोधक दस्ते व डॉग स्क्वायड के माध्यम से चेकिंग कराई और यही प्रक्रिया वहां के बाज़ारों में भी कि गई। प्रशासन ने कहा कि ऐसा कोई कार्य किसी को भी करने की इजाज़त नहीं है, जो कि नई परंपरा को स्थापित करे। प्रशासन द्वारा पुलिस कर्मियों को सजग व चौकन्ना रहने के निर्देश दिए गए हैं। शासन प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि सुरक्षा व निगरानी में पुलिस की मदद करें।
पूरे संसार में भारत देश अपनी एकता, अखंडता और संस्कृति के लिए मशहूर है
एक तरफ पूरे संसार में भारत देश अपनी एकता, अखंडता और संस्कृति के लिए मशहूर है वहीँ हर साल हज़ारों विदेशी सैलानियों को यहाँ आने और यहाँ की एकता, अखंडता और संस्कृति को अपने कैमरे क़ैद कर ले जाने को मजबूर करता है वहीँ वर्तमान समय में भारत में चल रही धर्म और जाती की गन्दी राजनीती ने कहीं न कहीं भारतीय एकता और अखंडता को तोड़ने का काम किया है, इसी वजह से पूरी दुनिया में एक गलत मैसेज भी गया यहाँ तक की लोगों में इस बात का भय बैठ गया कि यहाँ कभी भी और कहीं भी कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है जिसका सीधा और नकारात्मक असर लोगों कि सोच पर, भारत के व्यापार पर, भारतीय पर्यटन और रूपये पे भी पड़ा है इसका असली और सीधा कारन है 26 साल पहले हुई भारत में इतिहास की सबसे बड़ी घटना बाबरी मस्जिद का शहीद होना मतलब “बाबरी मस्जिद विध्वंस”…
कभी छुआ छूत को लेकर दलितों पे अत्याचार और कभी महिलाओं को मंदिरों में जाने से रोकने की खबर कभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की बात तो कभी राजनेताओं के भद्दे बयान सामने आते हैं मगर धर्मों से जुड़े मुद्दों पर वाद विवाद करने वाले राजनेताओं ने भारत देश में सबसे बड़ा विवाद राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का पैदा कर दिया और इसका परिणाम ये है कि भारत में आपसी भाईचारा धीरे धीरे कम होता नज़र आ रहा है और लोगों का एक दूसरे से विश्वास भी ख़त्म होता जा रहा है मगर फिर भी कहीं न कहीं जनता को अब समझ में आने लगा है कि वोट बैंक कि राजनीती करने वाले लोग भोली भाली जनता को अपने व्यक्तिगत राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं और इसका असर अब 2019 चुनाव पे भी नज़र आने वाला है।