लोगों में हिचकिचाहट रहने पर कोविड-19 की खुराक को जरूरी बनाना होगा : अफ्रीका सीडीसी…
नैरोबी, 09 दिसंबर। अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के निदेशक ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर लोग खुराक लेने के लिए आगे नहीं आते हैं तो अफ्रीका की सरकारों को कोविड-19 टीकाकरण को जरूरी बनाने के संबंध में कदम उठाने पड़ सकते हैं।
सीडीसी के निदेशक जॉन नेकेंगसॉन्ग ने संवाददाताओं से कहा कि अफ्रीका के 54 देशों में खुराक की आपूर्ति बढ़ी है लेकिन टीके को लेकर लोगों में हिचकिचाहट के कारण सरकारों के पास आगे इसके अलावा ‘‘कोई विकल्प नहीं होगा।’’
अफ्रीकी द्वारा टीके की आपूर्ति में असमानता के खिलाफ महीनों तक आवाज उठाने के बाद अब लोगों में टीका लेने में रुचि की कमी को नेकेंगसॉन्ग ने ‘‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’’ कहा।
कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण के मामले में अफ्रीका अब भी बहुत पीछे है क्योंकि महाद्वीप की केवल आठ प्रतिशत आबादी का ही पूर्ण टीकाकरण हुआ है। ओमीक्रोन स्वरूप के संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और अब तक 11 अफ्रीकी देशों में इसकी मौजूदगी की पुष्टि हो चुकी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि पिछले सप्ताह में 93 प्रतिशत मामले बढ़े हैं हालांकि आशा की एक किरण भी है क्योंकि दक्षिण अफ्रीका में अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम है।
डब्ल्यूएचओ के टीकाकरण अधिकारी रिचर्ड मिहिगो ने बृहस्पतिवार को कहा कि केवल छह अफ्रीकी देशों में ही अब तक 40 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण हो पाया है। यह बहुत खतरनाक संकेत है। जिम्बाब्वे और घाना समेत कुछ देशों में सरकारी सेवकों और अन्य के लिए टीके लेना अनिवार्य कर दिया गया है। केन्या में भी सरकारी सेवाएं हासिल करने के लिए टीकाकरण को जरूरी बनाने की योजना है।
अफ्रीका को टीके की अब तक 43.1 करोड़ खुराक की आपूर्ति की गई है तथा 24.5 करोड़ खुराक लोगों को दी गई है। सीडीसी के निदेशक नेकेंगसॉन्ग ने कहा कि ‘‘आप बूस्टर खुराक की बात नहीं कर सकते जब आपके यहां के लोगों ने पहली ही खुराक नहीं ली है।’’
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…