“बड़े-बड़े परिवार मिटे यों, एक न हो रोने वाला,- “हो जाएं सुनसान महल वे, जहां थिरकतीं सुरवाला,- “राज्य उलट जाएं, भूपों की भाग्यलक्ष्मी हो जाए,- “जमे रहेंगे पीने वाले, जगा करेगी मधुशाला।”* Posted on: May 5, 2020May 5, 2020
देश के कोने कोने में फंसे लोगों को बाहर निकालने का रेल किराया वहन करेगी कांग्रेस पार्टी… Posted on: May 4, 2020
*मीडिया की स्वतंत्रता हर नागरिक की स्वतंत्रता, पत्रकारों की लड़ाई में समाज भी साथ दे* Posted on: May 3, 2020