लीक दस्तावेजों से गोपनीय वित्तीय जानकारियों का हुआ खुलासा…
वाशिंगटन, 04 अक्टूबर । दुनिया भर की 14 कंपनियों से मिलीं लगभग एक करोड़ 20 लाख फाइलों की समीक्षा से विश्व के सैकड़ों नेताओं, अरबपतियों, मशहूर हस्तियों, धार्मिक नेताओं और नशीले पदार्थों के कारोबार में शामिल लोगों के उन निवेशों का खुलासा हुआ है, जिन्हें पिछले 25 साल से हवेलियों, समुद्र तट पर बनीं विशेष संपत्तियों, नौकाओं और अन्य संपत्तियों के माध्यम से छुपाकर रखा गया था।
‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स’ ने यह रिपोर्ट जारी की, जो 117 देशों के 150 मीडिया संस्थानों के 600 पत्रकारों की मदद से तैयार की गई। इस रिपोर्ट को ‘पेंडोरा पेपर्स’ (भानुमति के पिटारे से निकले दस्तावेज) करार दिया जा रहा है, क्योंकि इसने प्रभावशाली एवं भ्रष्ट लोगों के छुपाकर रखे गए धन की जानकारी दी और बताया है कि इन लोगों ने किस प्रकार हजारों अरब डॉलर की अवैध संपत्ति को छुपाने के लिए विदेश में खातों का इस्तेमाल किया।
इन गुप्त खातों के लाभार्थियों के रूप में पहचाने गए 330 से अधिक वर्तमान और पूर्व नेताओं में जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री आंद्रेज बाबिस, केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा और इक्वाडोर के राष्ट्रपति गुइलेर्मो लासो के अलावा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दोनों के सहयोगी शामिल हैं।
रिपोर्ट में जिन अरबपतियों के नाम सामने आए हैं, उनमें तुर्की के कारोबारी अरमान इलिसाक और सॉफ्टवेयर निर्माता रेनॉल्ड्स एंड रेनॉल्ड्स के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी रॉबर्ट टी. ब्रोकमैन शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकतर खातों का इस्तेमाल कर चोरी करने और पूंजी को छुपाने के लिए किया गया।
यूरोप की संसद में ग्रीन पार्टी के सांसद स्वेन गीगोल्ड ने कहा, ‘‘लीक हुए नए आंकड़ों के बाद सभी को सतर्क हो जाना चाहिए। वैश्विक कर चोरी से वैश्विक असमानता पैदा होती है। हमें इससे निपटने के प्रयासों को विस्तार देने की आवश्यकता है।’’
परमार्थ संगठनों के एक ब्रितानी संघ ‘ऑक्सफैम इंटरनेशनल’ ने भ्रष्ट लोगों के लालच को उजागर करने के लिए पेंडोरा पेपर्स की सराहना की। उसने कहा कि इस लालच के कारण देशों को कर से मिलने वाले उस धन का नुकसान हुआ, जिसका उपयोग उनकी भलाई के कार्यक्रमों और परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जा सकता था।
ऑक्सफैम ने एक बयान में कहा कि इसी के कारण ‘‘और अस्पताल नहीं बन पाए। इससे उन शिक्षकों एवं दमकलकर्मियों और लोक सेवकों के वेतन का प्रबंध नहीं हो पाया, जिनकी हमें आवश्यकता है। जब कोई नेता या कारोबारी नेता दावा करता है कि जलवायु परिवर्तन और नवोन्मेष, अधिक एवं बेहतर नौकरियों, कोविड-19 से उबरने में मदद करने और विदेशों को सहायता देने के लिए धन नहीं है’’ तो इसका कारण यही लालच है।
‘पेंडोरा पेपर्स’ की ही तरह 2016 में ‘पनामा पेपर्स’ जारी किए थे, जिनका संकलन इसी पत्रकार समूह ने किया था।
नवीनतम खुलासा और भी अधिक विस्तृत है। यह दुनिया के 38 विभिन्न अधिकार क्षेत्रों में व्यापार करने वाले 14 विभिन्न सेवा प्रदाताओं से लीक हुआ है और करीब तीन टेराबाइट डेटा (किसी स्मार्टफोन पर लगभग 7,50,000 तस्वीरों के बराबर) के बराबर है। इन दस्तावेजों में 1970 के दशक के दस्तावेज शामिल है, लेकिन अधिकतर दस्तावेज 1996 से 2020 के बीच के हैं।
इसके विपरीत 2.6 टेराबाइट डेटा वाले पनामा पेपर्स को अब निष्क्रिय हो चुकी कानूनी फर्म मोसैक फोंसेका ने लीक किया था। यह कंपनी पनामा में स्थित थी और इसीलिए इसका नाम पनामा पेपर्स रखा गया।
नवीनतम जांच में ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, सेशेल्स, हांगकांग और बेलीज सहित उन स्थानों में पंजीकृत खातों का पता लगाया गया है, जिन्हें कर चोरी का धन छुपाकर रखने के लिए सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ गुप्त खाते अमेरिका में स्थापित न्यासों से भी जुड़े हैं, जिनमें साउथ डकोटा में 81 और फ्लोरिडा में 37 खाते शामिल थे।
दस्तावेजों की समीक्षा के शुरुआती परिणाम रविवार को जारी किए गए, जो इसमें शामिल प्रमुख लोगों की एक घिनौनी तस्वीर चित्रित करते हैं। उदाहरण के तौर पर, जांचकर्ताओं को पता चला कि जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय के सलाहकारों ने 1995 से 2017 तक कम से कम तीन दर्जन मुखौटा कंपनियां बनाने में उनकी मदद की, जिनकी सहायता से उन्होंने अमेरिका और ब्रिटेन में 10 करोड़ 60 लाख डॉलर से अधिक मूल्य के 14 घर खरीदे। सलाहकारों की पहचान स्विट्जरलैंड में एक ब्रिटिश लेखाकार और ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में वकीलों के रूप में की गई थी।
शाही महल की ओर से जारी बयान में सोमवार को अब्दुल्ला ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है और कहा है कि लेन-देन को गुप्त रखने की जरूरत थी और जन धन का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
यह खुलासा अब्दुल्ला के लिए एक शर्मनाक झटका है जिनकी सरकार इस साल उस समय संकट में घिर गई थी, जबकि उनके सौतेले भाई पूर्व वलीअहद (क्राउन) शहज़ादे हमजा ने ‘‘सत्तारूढ़ व्यवस्था’’ पर भ्रष्टाचार और अयोग्यता का आरोप लगाया था। शाह ने दावा किया था कि उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है। उन्होंने हमजा को नजरबंद कर दिया था और दो पूर्व निकट सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अब्दुल्ला के ब्रितानी वकीलों ने कहा कि उन्हें अपने देश के कानून के तहत कर देने की आवश्यकता नहीं है और उन्होंने सार्वजनिक निधि का दुरुपयोग नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अधिकतर कंपनियों और सम्पत्तियों का संबंध शाह से नहीं है या वे अब अस्तित्व में नहीं है, लेकिन उन्होंने इसकी विस्तार से जानकारी देने से इनकार कर दिया।
जांच में कहा गया है कि 1997 से 2007 तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे टोनी ब्लेयर ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में एक कंपनी खरीदकर 2017 में विक्टोरिया में 88 लाख डॉलर की इमारत के मालिक बने और अब इस इमारत में उनकी पत्नी चेरी ब्लेयर की कंपनी है। दोनों ने बहरीन के उद्योग और पर्यटन मंत्री जायद बिन राशिद अल-जयानी के परिवार से यह कंपनी खरीदी थी। जांच में पाया गया है कि लंदन की इमारत खरीदने के बजाय कंपनी के शेयर खरीदने से ब्येलर ने चार लाख डॉलर का संपत्ति कर बचाया। ब्लेयर और अल जयानी दोनों के परिवारों ने कहा कि शुरुआत में किसी भी पक्ष को दूसरे पक्ष के इस सौदे में शामिल होने की जानकारी नहीं थी।
चेरी ब्लेयर ने कहा कि उनके पति खरीद में शामिल नहीं थे और खरीद “कंपनी और इमारत को ब्रिटेन की कर और नियामक व्यवस्था में वापस लाने के लिए” थी।
उन्होंने यह भी कहा कि वह ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड कंपनी की मालिक नहीं बनना चाहती थी और “विक्रेता अपने उद्देश्यों के लिए केवल कंपनी को बेचना चाहता था जो अब बंद हो चुकी है।
अल-जयानी के एक वकील ने कहा कि उन्होंने ब्रिटेन के कानूनों का पालन किया है।
रिपोर्ट में रूस से अग्रणी टीवी स्टेशन के मुख्य कार्यकारी और पुतिन के सहयोगी कोनस्तानतिन अर्नेस्त का नाम भी शामिल है, जिन्हें 2014 में सोची में आयोजित शीतकालीन ओलम्पिक का निर्देशन करने के बाद मॉस्को में सोवियत काल के सिनेमाघर और आसपास की संपत्तियों को खरीदने में रियायत दी गई थी।
अर्नेस्त ने कहा कि सौदा गुप्त नहीं था और इन आरोपों से इनकार किया कि उनके साथ खास व्यवहार किया गया था।
चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री आंद्रेज बाबिस ने भी कुछ भी गलत करने से इनकार किया है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…