अष्टमुडी झील प्रदूषण: केरल उच्च न्यायालय ने परिवहन विभाग, कोल्लम निकाय से जवाब तलब किया
कोच्चि, 03 अक्टूबर। केरल उच्च न्यायालय ने अष्टमुडी झील के नाली और ठोस अपशिष्ट के भंडार स्थल में तब्दील होने के मुद्दे पर एक जनहित याचिका पर परिवहन विभाग, कोल्लम के जिला पंचायत और वहां के नगर निकाय से जवाब तलब किया है। उच्च न्यायालय ने केरल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (केएलएसए) की रिपोर्ट में लगाए गए आरोप की जांच के लिए राज्य के परिवहन विभाग, कोल्लम के जिला पंचायत और निकाय को जनहित याचिका में वादी बनाया है और उन्हें नोटिस जारी किया
है। रिपोर्ट में कहा गया था कि आसपास के क्षेत्रों की नाली का कचरा गिरने से झील की हालत ‘बेहद दयनीय’ है। केएलएसए के सदस्य सचिव और जिला न्यायाधीश के टी निसार अहमद ने उच्च न्यायालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अष्टमुडी झील में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उचित उपाय करना जरूरी है।
रिपोर्ट के अनुसार, आसपास के आवासीय क्षेत्रों और सरकारी प्रतिष्ठानों की नालियों का पानी झील में गिरना झील में प्रदूषण का मुख्य कारण है और इससे उसके विशिष्ट आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र को स्थायी नुकसान होने का खतरा है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कथित तौर पर कोल्लम नगर निकाय के प्रबंधन वाले कुछ बूचड़खानों से निकलने वाला अपशिष्ट जल अष्टमुडी झील में गिरता है। केएलएसए ने यह भी कहा कि क्षेत्र में तीन ‘सीवेज ट्रीटमेंट’ संयंत्र स्थापित करने के प्रस्ताव पर भी कोई काम नहीं हुआ है।
”हिन्द वतन” समाचार की रिपोर्ट