लेडी हार्डिंग अस्पताल गर्भपात की इच्छुक महिला के 23 सप्ताह के भू्ण की जांच करे: दिल्ली उच्च न्यायालय
नई दिल्ली, 30 सितंबर। दिल्ली उच्च न्यायालय ने यहां स्थित लेडी हार्डिंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को बृहस्पतिवार को एक चिकित्सा बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया, जो गर्भपात कराने की इच्छुक याचिकाकर्ता महिला के 23 सप्ताह के भ्रूण
की गंभीर शारीरिक विकृतियों की जांच करेगा। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने अस्पताल को तत्काल चिकित्सा बोर्ड गठित करने और तीन दिन में महिला की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा। इसके साथ ही अदालत ने मामले की अगली सुनवाई पांच अक्टूबर के
लिए सूचीबद्ध कर दी। महिला ने याचिका में कहा कि वह 23 सप्ताह के भ्रूण को हटाना चाहती है क्योंकि नवीनतम अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में भ्रूण में शारीरिक विकृति की जानकारी मिली है और ऐसा प्रतीत होता कि खोपड़ी विकसित नहीं होने सहित कई समस्याएं हैं। गर्भवती महिला की ओर से अधिवक्ता स्नेहा मुखर्जी ने कहा कि उनकी मुवक्किल ने अदालत का रुख किया है
क्योंकि चिकित्सा आधार पर गर्भपात करने के संशोधित अधिनियम को अबतक सूचीबद्ध नहीं किया गया, जिसमें 24 सप्ताह तक के भ्रूण को नष्ट करने की अनुमति दी गई है। गौरतलब है कि मौजूदा कानून के तहत 20 सप्ताह के अधिक अवधि के भ्रूण को नष्ट नहीं किया जा सकता है।
“हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट