बेटा पुलिस बनना चाहें तो कैसे बनने दूंगी ? पुलिस के काम क्या ऐसे ही होते हैं….?

बेटा पुलिस बनना चाहें तो कैसे बनने दूंगी ? पुलिस के काम क्या ऐसे ही होते हैं….?

पुलिस की बेहरमी का शिकार मनीष (फाइल फोटो) 👆

बेटे के साथ मीनाक्षी: क्या पुलिस ऐसी होती है ? 👆                         “हिंद वतन समाचार” पर आज दोपहर चली खबर 👆

  हत्यारोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह 👆

सीएम सिटी गोरखपुर पुलिस के हाथों मारे गए मनीष गुप्ता की पत्नी ने उठाए सवाल…

मुख्यमंत्री कल कानपुर में परिजनों से मिलकर 10 लाख रुपए का मुआवजे का चेक देंगे…

लखनऊ/गोरखपुर। कानपुर के युवा प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता को सीएम सिटी गोरखपुर पुलिस द्वारा पीटकर मार डाले जाने के मामले में सपा और कांग्रेस के साथ ही वैश्य समाज ने भी कड़ी निंदा की है। इस मामले के लगातार तूल पकड़ने के बाद पुलिस बर्बरता का शिकार मनीष के परिजनों से कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर में मिलकर 10 लाख के मुआवजे की राशि का चेक सौंपेंगे। इस बीच आरोपी इंस्पेक्टर,चौकी इंचार्ज सहित 6 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध हत्या की एफआईआर दर्ज कर सस्पेंड किया जा चुका है।
प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी का कहना है कि उनके पति को बहुत ही बेरहमी से पुलिस ने मारा है। इकलौते भाई को खो चुकी निशा और उनका परिवार पूरी तरह से सदमे में है। वे कहती हैं कि इकलौता भाई घर-परिवार का खर्च चलाता था। उसका पांच साल का बेटा है। सात साल शादी को हुआ। छह पुलिसकर्मियों ने शराब के नशे में मेरे पति को इतना मारा कि उनकी मौत हो गई।
राइफल की बट से इतना मारा, सिर पिचक गया…..
मनीष की बहन निशा का कहना है कि मेरे भाई मनीष ने जबरदस्‍ती मारने की बात भाजपा युवा मोर्चा के नेता लखनऊ निवासी दुर्गेश को कॉल कर बताई थी। प्रदीप सैनी से वो मिलने आए थे, परिवारवाला कोई संदिग्‍ध कैसे हो सकता है। निशा का आरोप है कि पुलिसवालों ने उन्‍हे राइफल के बट से इतना मारा कि उनका सिर एक ओर से पिचक गया। निशा का कहना है कि उनके नाक और मुंह से खून आ गया, उनको इतना मारा कि उनके हाथ का मांस तक निकल गया था।
बताते चलें कि गुरुग्राम से दो दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने गए कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की पुलिस ने आधी रात में जांच का विरोध करने पर बेरहमी से पिटाई की थी, जिससे उसकी मौत हो गई। मनीष की पत्नी मीनाक्षी का कहना है बेटे को उसके पिता की मौत के बारे में क्या जवाब दूंगी ? अगर वह पुलिस बनना चाहे तो कैसे बनने दूंगी ? लोगों की रक्षा के लिए बनी पुलिस ने ही मेरे पति की जान ले ली, क्या ऐसे ही सुरक्षा दे रही है पुलिस ? पुलिस के ऐसे ही काम होते हैं ? जिस वजह से बच्चा तक पुलिस को देखकर डरता है और नफरत करने लगता है। मीनाक्षी के इन सवालों का जवाब तो किसी के पास नहीं था, लेकिन जिसने भी उनकी बातें सुनीं, उसका कलेजा पसीज गया। आम लोग भी घटना के बारे में जानने के बाद पुलिस वालों पर सवाल उठाते दिखे।
पहले भी दो हत्याओं के आरोप लग चुके हैं….
गोरखपुर जिले में लंबे समय से तैनात एसएसओ (इंस्पेक्टर) जगत नारायण सिंह के कारनामों की लंबी लिस्ट है परंतु उच्चाधिकारियों के चहेते होने के चलते अब तक वह बचता चला आ रहा था। तीन-तीन हत्याओं के जिम्मेदार जगत नारायण सिंह के खिलाफ आखिरकार पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। बांसगांव इंस्पेक्टर रहने के दौरान 7 नवंबर 2020 को भी जेएन सिंह पर गंभीर आरोप लगे थे। बांसगांव थाने में विशुनपुर निवासी मुन्ना प्रसाद के बेटे शुभम उर्फ सोनू कुमार के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज था। पुलिस ने उसे 11 अक्तूबर 2020 को डिघवा तिराहे से गिरफ्तार कर लिया और जेल भिजवा दिया। 7 नवंबर को जेल में मौत हो गई। इस मामले में भी पुलिस की पिटाई से शुभम की मौत का आरोप लगा था।
दूसरे मामले में बीते 13 अगस्त को रामगढ़ताल पुलिस पर 20 वर्षीय गौतम सिंह की पुलिस कस्टडी में संदिग्ध हालात में मौत हुई थी। हालांकि बाद में पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया कि गायघाट बुजुर्ग में प्रमिका से मिलने गए युवक की लड़की के परिवार वालों ने पीटकर हत्या कर दी, जबकि परिजनों का आरोप था कि युवक की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। इंस्पेक्टर जेएन सिंह एनकाउंटर के शौकीन हैं। जेएन सिंह अपने एनकाउंटर की बदौलत ही सिपाही से आउट ऑफ प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर की कुर्सी तक पहुंचे हैं। (29 सितंबर 2021)

विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,