रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने निजी रक्षा उद्योग से अनुसंधान एवं विकास में निवेश का किया अनुरोध
नई दिल्ली, 28 सितंबर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को निजी क्षेत्र की रक्षा कंपनियों से प्रौद्योगिकियों, विशेष रूप से साइबर स्पेस से संबंधित तकनीक में अनुसंधान और विकास में निवेश करने का आग्रह किया। सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स के वार्षिक सत्र में रक्षा मंत्री ने कहा कि वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में तेजी से बदलाव से सैन्य उपकरणों की
मांग बढ़ने की उम्मीद है और भारतीय उद्योग को उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। सिंह ने कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग को घरेलू रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा शुरू किए गए नीतिगत सुधारों का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी जानते हैं कि वैश्विक परिस्थितियां बहुत तेजी से बदल रही हैं। आज दुनिया में कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जो इन परिवर्तनों से प्रभावित न हुआ हो। उन्होंने कहा, ‘‘इसका असर व्यापार, अर्थव्यवस्था, संचार, राजनीतिक
समीकरण और सैन्य शक्ति पर देखा जा सकता है।’’ सिंह ने कहा कि इन परिवर्तनों के कारण सैन्य उपकरणों की मांग भी बढ़ेगी। इस संदर्भ में उन्होंने निजी क्षेत्र से साइबर स्पेस पर विशेष ध्यान देने के साथ अनुसंधान और विकास में निवेश करने का आग्रह किया। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हम निजी क्षेत्र को विकास के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान कर रहे हैं। इसी क्रम में हमने रणनीतिक साझेदारी मॉडल के माध्यम से भारत में लड़ाकू जेट, हेलीकॉप्टर, पनडुब्बी और टैंक निर्माण के लिए अवसरों के द्वार
खोले हैं। सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में घरेलू रक्षा उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। पिछले साल अगस्त में, सिंह ने घोषणा की कि भारत 2024 तक 101 हथियारों और सैन्य प्लेटफार्म जैसे कि परिवहन विमान, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, पारंपरिक पनडुब्बी, क्रूज मिसाइल और सोनार सिस्टम के आयात को रोक देगा। 108 सैन्य उपकरणों एवं प्रणालियों के आयात पर पाबंदी वाली दूसरी सूची हाल में जारी की गई। सरकार आयातित सैन्य प्लेटफार्मों पर निर्भरता कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और उसने घरेलू रक्षा उत्पादन का समर्थन करने का निर्णय लिया है।
“हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट