भारत बंद: दिल्ली में व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित नहीं हुई, सीमावर्ती इलाकों में भारी यातायात जाम
नई दिल्ली, 27 सितंबर। केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न किसान यूनियन द्वारा सोमवार को आहूत भारत बंद के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में बाजार खुले रहे और व्यावसायिक गतिविधियां काफी हद तक प्रभावित नहीं हुई। हालांकि, प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़कों को अवरूद्ध करने और पुलिस द्वारा सुरक्षा जांच के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर
यातायात जाम देखा गया। दिल्ली में ऑटो-रिक्शा तथा टैक्सी सामान्य रूप से सड़कों पर चलती नजर आईं और अधिकतर दुकानें भी खुली दिखीं। उनकी यूनियन तथा संघों ने किसानों के बंद को केवल ‘‘सैद्धांतिक समर्थन’’ देते हुए हड़ताल नहीं करने का फैसला किया है। ऑटो, टैक्सी यूनियन और व्यापारी संघों का कहना है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी और लॉकडाउन के कारण उनकी आजीविका पहले ही बुरी तरह प्रभावित हुई है, इसलिए वे किसी भी हड़ताल में शामिल नहीं हो रहे हैं।
प्रदर्शन में शामिल 40 से अधिक किसान यूनियन का नेतृत्व कर रहे ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ (एसकेएम) द्वारा आहूत बंद के समर्थन में ट्रेड यूनियनों के एक वर्ग ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया।
बंद के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने कुछ प्रमुख सड़कों को बंद कर दिया, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में सुबह के समय यातायात बाधित रहा। शहर की सीमाओं, विशेषकर दिल्ली-गुड़गांव सीमा को पार करते समय
लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ा। डीएनडी पर भी यातायात प्रभावित रहा। गाजीपुर बॉर्डर को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। अक्षरधाम मंदिर के पास गाजीपुर बॉर्डर से सराय काले खां की ओर आने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के एक तरफ अफरा-तफरी का माहौल रहा।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में बंद के मद्देनजर कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।
पुलिस के अनुसार, गश्त बढ़ा दी गई है, विशेष रूप से सीमा से लगे इलाकों में चौकियों पर अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं और राष्ट्रीय राजधानी आ रहे वाहनों की तलाशी ली जा रही है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘कालिंदी कुंज फ्लाईओवर और कालिंदी कुंज मेट्रो स्टेशन के निकट यातायात जाम है, जबकि यह डीएनडी की ओर धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है।’’
भारत बंद के मद्देनजर सुरक्षा कारणों के चलते टीकरी बॉर्डर के पास स्थित पंडित श्रीराम शर्मा मेट्रो स्टेशन सोमवार को बंद कर दिया गया। हरियाणा स्थित यह स्टेशन ‘ग्रीन लाइन’ पर है और किसानों के प्रदर्शन स्थल के निकट स्थित है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, भारत बंद के कारण दिल्ली-अमृतसर शान-ए-पंजाब, नई दिल्ली-मोगा एक्सप्रेस, पुरानी दिल्ली-पायहाजोत एक्सप्रेस, वंदे भारत एक्सप्रेस नई दिल्ली से कटरा और अमृतसर शताब्दी सहित लगभग 25 रेलगाड़ियां प्रभावित हुई हैं। उत्तर रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘दिल्ली, अंबाला और फिरोजपुर मंडलों में 20 से अधिक स्थानों को अवरुद्ध किया जा रहा है। इसके कारण लगभग 25 रेलगाड़ियां प्रभावित हैं।’’
ऑटोरिक्शा और टैक्सी सामान्य रूप से चलती रही और दुकानें खुली रहीं।
दिल्ली ऑटो टैक्सी यूनियन के महासचिव राजेंद्र सोनी ने कहा, ‘‘पहले भी हमने किसानों द्वारा भारत बंद का समर्थन किया था, लेकिन अपने ऑटो और टैक्सी को चलाना जारी रखा था। इस बार भी हम किसानों का समर्थन कर रहे हैं लेकिन हड़ताल नहीं कर हैं क्योंकि वैश्विक महामारी के समय कम हुई कमाई के कारण हमारे सदस्य काफी संकट में हैं।’’
‘कैब संघों’ का प्रतिनिधित्व करने वाले दिल्ली के ‘सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन’ ने भी किसानों का समर्थन किया, लेकिन हड़ताल में शामिल नहीं हुए। एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने कहा, ‘‘हम किसानों के समर्थन में हैं, लेकिन वैश्विक महामारी के कारण हमारा काम प्रभावित हुआ है और हम उनके समर्थन में हड़ताल करके खुद नुकसान नहीं उठा सकते।’’
अन्य ऑटो तथा टैक्सी यूनियन की भी यही राय है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ऑटो चालक संघ के सचिव अनुज राठौड़ ने कहा, ‘‘ हम किसानों का पूरा समर्थन करते हैं। लेकिन कोविड-19 के कारण जो वित्तीय संकट हमने उठाया है, उसे देखते हुए….हम सामान्य रूप से काम करते हुए उन्हें और उनकी मांग को अपना नैतिक एवं सैद्धांतिक समर्थन दे रहे हैं।’’
‘चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री’ (सीटीआई) के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने कहा कि शहर में बाजार और दुकानें खुली हैं क्योंकि किसानों ने हड़ताल के लिए हमारे संघ से कोई सम्पर्क नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही, त्योहारों के नजदीक होने के चलते यह व्यापारियों का वैश्विक महामारी और लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान से उबरने का समय है। हालांकि, हम किसानों का पूरा समर्थन करते हैं और सरकार से उनकी मांग पूरी करने की अपील करते हैं।’’
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने दावा किया कि दिल्ली सहित देशभर के बाजारों पर बंद का कोई असर नहीं पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली सहित सभी बाजार पूरी तरह खुले रहे और बाजारों में कारोबारी गतिविधियां सामान्य रूप से चलती रहीं। हमने किसान नेताओं को संघर्ष का रास्ता छोड़कर सरकार से बातचीत के रास्ते तलाशने की सलाह दी है।’’
कानून पारित हुए एक साल पूरा होने पर किसान संगठनों ने सोमवार को सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक भारत बंद का आह्वान किया था। गौरतलब है कि देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान, पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी केन्द्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने
की मांग कर रहे हैं। किसानों को भय है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली खत्म हो जाएगी। हालांकि, सरकार इन कानूनों को प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में पेश कर रही है। दोनों पक्षों के बीच 10 दौर से अधिक की बातचीत हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा रहीं।
“हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट