भारत में टीका लगवाने वालों के लिए 10 दिन के पृथक-वास का ब्रिटेन का नियम भेदभावपूर्ण:सरकार
नई दिल्ली। सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत का मानना है कि यहां कोविशील्ड टीका लगवाने वालों के लिए 10 दिन के पृथक-वास का ब्रिटेन का नियम ”भेदभावपूर्ण” है और नई दिल्ली के पास भी इसी तर्ज पर जवाबी कदम उठाने का अधिकार है। साथ ही उम्मीद जतायी कि जल्द ही इस मुद्दे का हल निकाल लिया जाएगा।
ब्रिटेन के नए यात्रा नियम को लेकर देश में उठे रोष के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने यहां प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर बातचीत जारी है।
एक सवाल के जवाब में भूषण ने कहा, हमारा मानना है कि चार अक्टूबर से जो व्यवस्था लागू करने का प्रस्ताव है, वह भेदभावपूर्ण तरीका है। दोनों पक्षों में वार्ता जारी है और हमें भरोसा है कि जल्द ही समाधान निकल आएगा। हमें भी इसी तरह के जवाबी व्यवहार का अधिकार है।”
भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ‘‘ आयुष्मान एनएचए के सीईओ आरएस शर्मा के साथ शानदार तकनीकी वार्ता हुई। किसी भी पक्ष ने एक दूसरे के प्रमाणन प्रक्रिया पर तकनीकी सवाल नहीं उठाया। लोगों को यात्रा की सुविधा देने और ब्रिटेन और भारत के जन स्वास्थ्य की रक्षा हमारे संयुक्त लक्ष्य की ओर महत्वपूर्ण कदम है।’’
कोविशील्ड को मान्यता देने से ब्रिटेन के इंकार करने पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद लंदन ने बुधवार को अपने नए दिशानिर्देश में संशोधन किया जिसमें इसने एस्ट्राजेनेका के भारत निर्मित संस्करण को अंतरराष्ट्रीय यात्रा परामर्श में शामिल किया।
ब्रिटेन के अधिकारियों ने बुधवार को स्पष्ट किया था कि कोविशील्ड की दोनों खुराक लगवा चुके भारतीय यात्रियों को ब्रिटेन में अब भी दस दिनों के पृथक-वास में रहना होगा और कहा कि टीके को शामिल किए जाने से भी बहुत फर्क नहीं पड़ता है।
एलिस ने बुधवार को बयान जारी कर कहा था, ‘‘हम स्पष्ट करते हैं कि कोविशील्ड से कोई समस्या नहीं है। ब्रिटेन में यात्रा कर सकते हैं और भारत से काफी संख्या में लोग ब्रिटेन जा रहे हैं, चाहे वे पर्यटक हों या व्यवसायी या छात्र।’’
ब्रिटेन के नए नियमों के मुताबिक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड टीके की दोनों खुराक लेने वाले भारतीयों को उन लोगों की तरह 10 दिन अनिवार्य रूप से पृथक-वास में रहना होगा, जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है।
भारत ने नए यात्रा नियमों को लेकर मंगलवार को कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी और चेतावनी दी थी कि अगर ब्रिटेन ने इसकी चिंताओं का समाधान नहीं किया तो कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
“हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट