ऋषिकेश में 462.93 करोड़ रुपये से सीवर योजना का होगा विस्तार
ऋषिकेश। जर्मन सरकार के क्लाइमेट प्रूफिग प्रोजेक्ट (केएफडब्ल्यू) के अंतर्गत ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में पहले चरण में 462.93 करोड़ रुपये की लागत से 180 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाई जाएगी। साथ ही पंपिग स्टेशन एवं एसटीपी प्लांट निर्माण का कार्य भी होगा। इस पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि इस योजना के रूप में ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र को यह बड़ी सौगात मिली है। बैराज मार्ग स्थित कैंप कार्यालय में गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने पेयजल निगम के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में इस सीवर योजना के निर्माण कार्यों को लेकर चल रही कार्यवाही के संबंध में अधिकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष को विस्तार से जानकारी दी। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि
जर्मन सरकार के क्लाइमेट प्रूफिग प्रोजेक्ट (केएफडब्ल्यू) योजना को सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, जिसमें जर्मन सरकार की केएफडब्ल्यू संस्था एवं भारत सरकार के बीच लोन एग्रीमेंट भी हस्ताक्षरित हो चुके हैं। अग्रवाल ने बताया कि इस योजना की कंसलटेंट कंपनी भी नियुक्त हो चुकी है, जिसके द्वारा जल्द ही डीपीआर तैयार कर जर्मन सरकार के केएफडब्ल्यू के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी, तदुपरांत शीघ्र ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी फिर कार्यदायी संस्था इस योजना को धरातल पर उतारेगी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस योजना के सम्बंध में वे कई बार
अधिकारियों के साथ बैठक कर योजना के क्रियान्वयन संबंधी कार्रवाई करते रहे हैं। अग्रवाल ने कहा कि 462.93 करोड़ रुपये की लागत से सीवर योजना के निर्माण कार्यों के धरातल पर उतरने की कार्रवाई अंतिम चरण में है। जल्द ही इसका लाभ ऋषिकेश की शहरी एवं ग्रामीण जनता को मिलेगा। विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों को योजना से संबंधित सभी आवश्यक कार्यवाहियों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। पेयजल निगम के परियोजना प्रबंधक आरके सिंह ने बताया कि केएफडब्ल्यू योजना के अंतर्गत पहले चरण में ऋषिकेश नगर के समस्त वार्ड एवं खदरी खड़कमाफ, गुमानीवाला, श्यामपुर ग्रामीण क्षेत्र में
180 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाया जाना प्रस्तावित है। इसके साथ ही आस्था पथ व आवास विकास में एक-एक सीवरेज पंपिग स्टेशन तथा खदरी खड़कमाफ ग्रामीण क्षेत्र में 2-0 एमएलडी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाना है। इसके तहत लगभग सवा लाख से अधिक जनसंख्या को सीवर योजना से लाभान्वित किया जायेगा एवं यह परियोजना आने वाले 30 सालों को ध्यान में रख कर बनायी गयी है। इस बैठक में परियोजना अभियंता रविंद्र सिंह, परियोजना अभियंता धर्मेंद्र प्रसाद, अपर परियोजना अभियंता राजेंद्र सिंह, अपर परियोजना अभियंता आशीष चमोली, अपर परियोजना अभियंता ललित सिंह उपस्थित थे।
“हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट