आईपीएल और टी 20 विश्व कप के दौरान ऑनलाइन स्किल स्पोर्ट्स पर भी पड़ेगा कर्नाटक बिल का असर…

आईपीएल और टी 20 विश्व कप के दौरान ऑनलाइन स्किल स्पोर्ट्स पर भी पड़ेगा कर्नाटक बिल का असर…

नई दिल्ली, 22 सितंबर । कर्नाटक पुलिस (संशोधन) अधिनियम 2021, जिसे कर्नाटक विधानसभा में राज्य में फैंटेसी स्पोर्ट्स, रम्मी और पोकर जैसे ऑनलाइन कौशल खेलों को प्रतिबंधित करने के लिए पारित किया गया था, उसने अब ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्ट्स पर भी अपना असर डाल दिया है।

कौशल के सभी खेलों में फैंटेसी क्रिकेट के सबसे अधिक प्रभावित होने की उम्मीद है, क्योंकि यह प्रतिबंध हाल के वर्षो में सबसे बड़े टी-20 क्रिकेट सत्र की शुरुआत में लगाए गए थे।

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 19 सितंबर से दुबई में शुरू हुआ है और 15 अक्टूबर तक चलेगा। आईसीसी टी20 विश्व कप 2021 दो दिन बाद 17 अक्टूबर को शुरू होगा और फाइनल 14 नवंबर को होगा। बैक टू बैक आईपीएल और टी20 विश्व कप का यह शेड्यूल क्रिकेट प्रशंसकों के साथ-साथ फैंटसी क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए एक बोनस है।

केपीएमजी के मुताबिक, आईपीएल फैंटेसी लीग की कीमत ही 1 अरब डॉलर है। टी 20 विश्व कप के साथ, यह दो महीने की अवधि (19 सितंबर से 14 नवंबर, 2021) 2021 के फैंटेसी क्रिकेट सीजन का चरम है। प्रतिबंध कर्नाटक में फैंटेसी क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बड़ा झटका होगा, क्योंकि राज्य महाराष्ट्र के साथ भारत में दो शीर्ष फैंटेसी स्पोर्ट्स बाजारों में से एक है।

यूजर बेस के हिसाब से भारत फैंटेसी स्पोर्ट्स के लिए दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। इस प्रतिबंध से देश में ड्रीम 11, माई11 सर्किल, माई टीम 11, पेटीएम फस्र्ट गेम्स, एमपीएल और 11 विकेट सहित 50 से अधिक फैंटेसी खिलाड़ी प्रभावित होंगे। ड्रीम 11, 110 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं के साथ, भारत में फैंटेसी खेलों में सबसे पुराना और सबसे बड़ा खिलाड़ी है। आईपीएल 2020 में, ड्रीम 11 जिसका समर्थन रोहित शर्मा, एमएस धोनी, शिखर धवन, हार्दिक पांड्या और श्रेयस अय्यर ने किया है, उसने रिकॉर्ड 5.3 मिलियन समवर्ती उपयोगकर्ता हासिल किए। एफआईएफएस-केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020 में भारतीय ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्ट्स मार्केट की कीमत 16,500 करोड़ रुपये थी।

फैंटेसी खेलों के लिए उद्योग निकाय फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (एफआईएफएस) ने एक बयान में कहा, कानून वैध ऑनलाइन फैंटेसी खेल व्यवसायों के लिए भ्रम और अनिश्चितता पैदा करता है। यह बिल गुमराह करने वाला प्रतीत होता है क्योंकि यह वैध व्यवसायों को अवैध ऑनलाइन जुआ, सट्टेबाजी और दांव लगाने वाले प्लेटफॉर्मो के बराबर मानकर दंडित करता है।

इसमें आगे कहा गया है, यह अनिवार्य है कि राज्य सरकार यह मानती है कि इस विधेयक (21 सितंबर के अंत में पारित) के अनपेक्षित लाभार्थी ग्रे मार्केट प्लेटफॉर्म और ऑफशोर ऑनलाइन जुआ/सट्टेबाजी कंपनियां होंगी जो भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए एक गंभीर जोखिम पैदा करती हैं।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…