नरेंद्र गिरि केस: ‘जो लिखना नहीं जानते वो…

नरेंद्र गिरि केस: ‘जो लिखना नहीं जानते वो…

7 पन्ने का सुसाइड नोट कैसे लिख सकते हैं’?

निरंजनी अखाड़े के महंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद मामला लगातार उलझता ही जा रहा है,इस पूरे मामले को लेकर एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं।

क्या ब्लैकमेल हो रहे थे महंत?

सूत्रों के मुताबिक, ‘महंत नरेंद्र गिरि को वीडियो के दम पर ब्लैकमेल किया जा रहा था।ब्लैकमेलिंग के मामले में एक स्थानीय नेता भी जांच के दायरे में हैं।जिस नेता की बात हो रही है, वो प्रयागराज का ही बताया जा रहा है,खबरों के मुताबिक इस नेता से पुलिस पूछताछ कर रही है।’ एक के बाद एक कई खुलासों से ये मामला और पेचीदा होता जा रहा है। पुलिस ने भले ही आत्महत्या का केस दर्ज किया हो,लेकिन इसकी जांच कई पहलुओं को आधार बनाकर की जा रही है।

‘लाई डिटेक्टर टेस्ट से सुलझेगी गुत्थी’

पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज कर कई एंगल से मौत की जांच शुरू कर दी है।जांच के लिए SIT बनाई गई है,वहीं SOG की टीम ने प्रयागराज में आनंद गिरि से पूछताछ की,इस मामले में एक समाजवादी पार्टी के नेता का भी नाम सामने आ रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में 8 लोगों का लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जा सकता है,इसमें एक बिल्डर भी शामिल है।प्रयागराज पुलिस सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रही है।

क्या है सुसाइड लेटर की मिस्ट्री 

गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरि का शव प्रयागराज में बाघंबरी मठ में उनके आवास पर मिला,नरेंद्र गिरि का शव फांसी से लटका हुआ था।जब पुलिस ने कमरे की तलाशी ली, तो वहां पर एक सुसाइड नोट भी मिला।पुलिस के मुताबिक,ये सुसाइड नोट करीब 7 पन्नों का था।शव के पास मिले सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरि समेत आद्या तिवारी और संदीप तिवारी का जिक्र था,इस सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा था कि वह काफी परेशानी से गुज़र रहे थे, इसलिए अपने जीवन को खत्म कर रहे हैं।

सुसाइड नोट पर सवाल

दरअसल इस मामले में जिस सुसाइड नोट की चर्चा चल रही है उसे लेकर महंत जी के शिष्य आनंद गिरि ने सवाल उठाए हैं,इसके बाद अब ये सवाल भी उठ रहा है कि क्या पुलिस की जांच से ध्यान भटकाने के लिए वहां एक सुसाइड लेटर रखा गया, अब उस लेटर की जांच की मांग हो रही है।

आनंद गिरि ने कहा,मेरे और महंत जी में कोई विवाद नहीं था,ये मठ की जमीन से पैसा कमाने वालों की साजिश है,कुछ लोगों ने पैसों लिए महंत जी को ब्लैकमेल किया। गुरुजी सुसाइड नहीं कर सकते,उनकी हत्या हुई है,गुरुजी ने जिंदगी में कभी पत्र नहीं लिखा।गुरुजी की हैंड राइटिंग की जांच की जानी चाहिए,मुझे यकीन है ये हत्या है वो सुसाइड नहीं कर सकते।जब हमारा समझौता हुआ, तब वहां पुलिस अधिकारी भी थे,संपत्ति के लिए उनकी हत्या हुई।

हर राज से उठेगा पर्दा: CM

वहीं इस पूरे मामले में प्रयागराज पहुंच कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले से जुड़े हर राज का पर्दाफाश होने और दोषियों को कड़ी सज़ा की बात कही है।जबकि इस पूरे मामले पर अखाड़ा परिषद और वीएचपी लगातार जांच की मांग कर रही है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…