अधिकारियों की लापरवाही से असमय मौत के गाल में समा रहे हैं गौवंश….!
ग्रामीणों का आरोप- सौ से अधिक गौवंशों की हुई मौत: अधिकारी बोले आठ ही तो मरे…
आखिर कब होगी दोषियों पर कार्यवाही ?
मलिहाबाद (लखनऊ)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना पशु आश्रय केन्द्र योजना अधिकारियों की लापरवाही एवं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती जा रही है। इसी नीति के चलते गौवंश असमय मौत के गाल में समाते जा रहे हैं, लेकिन उच्चाधिकारी द्वारा दोषी कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही, जिससे ग्रामीणों लापरवाह/भ्रषट कर्मियों के हौंसले बुलंद हैं। इसके चलते ग्रामीणों क्षेत्र की जनता में सरकार के प्रति आक्रोश दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है।
हिन्दू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है, इसी को ध्यान में रखते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम पंचायतों में गौवंशों के संरक्षण के लिये पशु आश्रय केन्द्रों का निर्माण करवाया। गौवंशों के चारे के लिये सरकार द्वारा प्रति गौवंश 30 रूपये दिये जा रहे हैं, लेकिन पशु चिकित्साधिकारी एवं ब्लाक के अधिकारियों की खाऊ कमाऊ नीति के चलते गौवंशों को मिलने वाले चारे की धनराशि का चारा भी नहीं मिल पा रहा है। ब्लाक के अधिकारी व पशु चिकित्सक गौवंशों के चारे वाला पैसा भी डकार रहे हैं, जिससे भूखे गौवंश असमय ही मौत के गाल मे समाते जा रहे हैं।
विकास खण्ड माल की ग्राम पंचायत अहिडर में शुक्रवार को करीब 120 गौवंशों की असमय मौत हो गयी, लेकिन अधिकारी सिर्फ 8 गौवंशों की मौत होना ही बताते रहे। ग्रामीणों का आरोप है कि इस ग्राम पंचायत की गौशाला में 120-130 गौवंशों की मौत भूख व इलाज के अभाव में हुयी है। लेकिन अधिकारी दोषी कर्मचारियों को बचाते हुये सिर्फ 8 गौवंशों की मौत ही बताते रहे, इससे साफ साबित होता है कि उच्चाधिकारी दोषी कर्मचारियों को बचाने का काम कर रहे हैं।
इतनी बड़ी तादाद में हुयी गौवंशों की मौत की खबर पाकर ग्राम पंचायत अहिडर की गौशाला मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, उप जिलाधिकारी नवीनचन्द्र, तहसीलदार मीनाक्षी द्विवेदी, इंस्पेक्टर मलिहाबाद नित्यानन्द सिंह सहित 2 गाड़ी पीएसी बल के साथ पहुंचे। अधिकारियों ने आनन-फानन मृत गौवंशों को इधर-उधर दफनवा दिया। अधिकारियों के बयान पर ग्रामीणों का आरोप था कि अगर 8 गौवंशों की मौत हुयी थी तो मौके पर 5-5 जेसीबी मशीन क्यों मंगवाई गयीं ? ग्रामीणों ने बताया कि देर रात तक मृत गौंवशों को गौशाला व इसके आसपास दफनवाया जाता रहा।
मीडिया कर्मियों ने इस बात को जानना चाहा तो वहां मौजूद चिकित्सा अधिकारी, कर्मचारियों व प्रधान ने गेट में ताला डाल दिया, जब सब कुछ सही था तो ताला क्यों बंद करवाया गया ? इस सम्बन्ध में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डीके शर्मा से जब बात करने का प्रयास किया गया तो लगातार रिंग जाने पर भी उन्होने फोन रिसीव नही किया। खण्ड विकास अधिकारी (माल) रविन्द्र मिश्रा का कहना है कि गौशाला मे कुछ गौवंशीय मरे थे, जिनके शवों का निस्तारण करा दिया गया है। साथ ही गौशालाओं में हुए जलभराव की साफ सफाई करायी जा रही है।
पत्रकार अभिषेक वर्मा की रिपोर्ट, , ,