अब लैपटॉप चलाएंगे डासना जेल के कैदी
गाजियाबाद। डासना जेल में बंद कैदी अब लैपटॉप के माध्यम से कंप्यूटर विज्ञान की शिक्षा ले पाएंगे. एक फाउंडेशन की मदद से गाजियाबाद की डासना जेल में बंद कैदियों को डिजिटल शिक्षा देने के लिए लैपटॉप उपलब्ध कराए गए हैं. मतलब साफ है कि जेल में बंद कैदी अब किताबी शिक्षा के साथ-साथ कंप्यूटर की शिक्षा भी जेल में ही हासिल कर पाएंगे और आत्मनिर्भर बन
पाएंगे. जेल सुपरिटेंडेंट आलोक कुमार का कहना है कि जेल के भीतर पहले से ही कंप्यूटर के माध्यम से कुछ बंदियों को शिक्षा दी जा रही है, जिससे वे डिजिटल प्रणाली को सीख सकें. क्योंकि आजकल डिजिटल जमाना है और जो बंदी कंप्यूटर की शिक्षा लेना चाहते हैं, उनके लिए सहूलियत प्रदान की जा रही है. ऐसे में इंडिया विजन फाउंडेशन नाम की संस्था की मदद से 10 लैपटॉप मिले हैं, जिनको बंदियों की डिजिटल शिक्षा के लिए जेल में इस्तेमाल किया जाएगा. नियमित वक्त में बंदियों को
डिजिटल शिक्षा देने का इंतजाम जेल के भीतर किया गया है. लैपटॉप के साथ-साथ संस्था ने कुछ सैनिटाइजर भी जेल प्रशासन को उपलब्ध कराएं हैं. इससे पहले भी अलग-अलग संस्थाओं और सरकार के माध्यम से जेल में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का सख्ती से पालन करवाया गया. जिसके चलते जेल में कोरोना पर समय पर जीत हासिल कर ली गई और कोई कैजुअल्टी सामने नहीं आई थी. इसी के चलते गाजियाबाद की डासना जेल को नियम मानने के हिसाब से आदर्श जेल का दर्जा भी मिला. डिजिटल दौर में अब बंदियों को कंप्यूटर की शिक्षा मिलने से जेल ने हाईटेक होने की तरफ एक और कदम बढ़ा दिया है.
”हिन्द वतन” समाचार की रिपोर्ट