अक्टूबर-नवंबर में रहना होगा अलर्ट…

अक्टूबर-नवंबर में रहना होगा अलर्ट…

सरकार ने कोरोना को लेकर दिए संकेत…

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को प्रेस ब्रीफिंग की। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि देश में पिछले 24 घंटे में कोविड के 30,570 नए मामले सामने आए। इनमें से 68 फीसदी मामले केरल से सामने आए हैं। बाकी राज्यों में अभी भी कोविड के मामलों में गिरावट देखी जा रही है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि केरल एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसमें 1 लाख से ज्यादा एक्टिव मामले हैं। मिजोरम, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जिसमें कोविड के सक्रिय मामले 10,000 से 1,00,000 के बीच हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि केस पॉजिटिविटी लगातार कम हो रही है। साप्ताहिक पॉजिटिविटी पिछले 11 सप्ताह से लगातार 3 फीसदी से कम बनी हुई है। देश में 34 जिले ऐसे हैं, जहां 10 फीसदी से अधिक साप्ताहिक पॉजिटिविटी है, 32 जिले ऐसे हैं, जहां 5-10 फीसदी के बीच साप्ताहिक पॉजिटिविटी है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने जानकारी देते हुए कहा देश में 3631 PSA प्लांट शुरू किए जा रहे हैं। ये 4500 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध करा पाएंगे। इसमें केंद्रीय संसाधनों से 1491 प्लांट और राज्यों और अन्य संसाधनों से 2140 प्लांट तैयार किए जा रहे हैं।

अक्टूबर, नवंबर में रखना होगा विशेष ध्यान

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि आने वाले 2-3 महीने महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि जब भी देश में कहीं भी कोई उछाल देखा जाता है, तो उसे तुरंत रोकना होगा। इस साल के अंत में बढ़ी हुई भेद्यता के सवाल पर डॉ. पॉल ने कहा कि अनुमान कहते हैं कि अक्टूबर और नवंबर सबसे महत्वपूर्ण महीने हैं। डॉ. पॉल ने कहा कि इस बारे में सार्वजनिक डोमेन में पर्याप्त आंकड़े हैं। ये त्योहार और फ्लू के महीने भी हैं। हमें इन दो महीनों के संबंध में विशेष सावधानी बरतनी होगी।

इधर, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि त्योहार निकट आ रहे हैं और किसी भी जगह जनसंख्या घनत्व में अचानक वृद्धि से वायरस के प्रसार के लिए अनुकूल वातावरण बनता है। हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा। उन्होंने बताया कि हम केरल में कुछ घटते संक्रमण को देख रहे हैं। अन्य राज्य भी भविष्य के उछाल को टालने की राह में हैं। भार्गव ने कहा कि समय की मांग है कि वैक्सीन लेना, कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना, जरूरत होने पर ही जिम्मेदार यात्रा के साथ ही जिम्मेदारी निभाते हुए उत्सव में शामिल होना। इसके अलावा आईसीएमआर के डीजी बलराम भार्गव ने कहा कि वैज्ञानिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा चर्चा में इस समय बूस्टर खुराक केंद्रीय विषय नहीं है। दो खुराक का पूर्ण टीकाकरण प्राप्त करना एक प्रमुख प्राथमिकता है। कई एजेंसियों ने सिफारिश की है कि एंटीबॉडी के स्तर को नहीं मापा जाना चाहिए।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…