पलवल के गांव चिल्ली में बुखार से कई बच्चों की मौत, स्वास्थ्य विभाग ने किया इनकार
पलवल, 15 सितंबर। दिल्ली से सटे पलवल जिले के चिल्ली गांव में बच्चों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को भी गांव में बुखार से दो माह की एक और बच्ची तरजुंम की मौत हो गई। स्वजनों के मुताबिक तीन-चार दिन से बच्ची को बुखार आ रहा था। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम जब गांव पहुंची तो डाक्टरों को दिखाया था। डाक्टरों ने दवा दे दी थी, लेकिन मंगलवार को बच्ची की मौत हो गई। हालांकि स्वास्थ्य विभाग डेंगू व बुखार से मौत की पुष्टी नहीं कर रहा
है। गांव में अब मृतक बच्चों की संख्या दस हो गई है। इसके अलावा मंगलवार को गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीजों की जांच कर रही थी तो उस वक्त दो बच्चे गंभीर नजर आए। डाक्टरों ने बच्चों को पलवल रेफर कर दिया है। वहीं हथीन शहर में हने वाले पूर्व पंचायत समिति सदस्य जयपाल ने बताया कि पत्नी 55 वर्षीय योगेश कुमारी को एक सप्ताह पहले बुखार आया था। उस वक्त उसका हथीन के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराया गया। लेकिन वह ठीक नहीं हो सकी। दो दिन पहले स्वजनों ने महिला को फरीदाबाद की एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां पर जांच के दौरान डाक्टरों ने फेफडों में इंफेक्शन
बताया और मंगलवार को उनकी मौत हो गई। डा. ब्र्हामदीप (सिविल सर्जन, पलवल) का कहना है कि गांव में लोगों के डेंगू व मलेरिया के टेस्ट कराए जा रहे हैं। अबतक 12 लोगों की डेंगू की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। हमारी टीमें लगातार वहां सेवा दे रही हैं। बता दें कि जिस गांव में बुखार से मौत की खबर आ रही है, वह तकरीबन 4000 की आबादी वाला है। उधर, स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह चौकस हो गया है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे अपना टेस्ट करवाएं। अगर डेंगू भी है तो उसका भी इलाज संभव है।
“हिन्द वतन समाचार”