अलवर में लोकदेवता बाबा भर्तृहरि व पांडुपोल हनुमान जी का मेला आज, श्रद्धालुओं ने घर में देखी ज्योत
अलवर, 14 सितंबर। प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भरने वाला भर्तृहरि बाबा का मेला इस बार 14 सितंबर को भरना था, परन्तु कोरोना के कारण दूसरी बार भी मेले का आयोजन निरस्त किया गया है। संयोग से आज ही सरिस्का स्थित पांडुपोल हनुमान जी महाराज का भी मेला है। जिला प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए दोनों मेलों को निरस्त किया गया है। जिस कारण श्रद्धालुओं ने घरों में बाबा की ज्योत देखी। इस दिन बाबा को चूरमे का भोग लगाया जाता है।
अलवर जिले के लोकदेवता भर्तृहरि महाराज की अलवर सहित राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, यूपी आदि जिलों में बड़ी मान्यता है। मेले पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंचते हैं। इस बार कोरोना गाइड लाइन की पालना में जिला प्रशासन ने दोनों ही मंदिर पर आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर 12 से 15 सितम्बर तक पाबंदी लगा दी है। हालांकि मेला स्थगित के उपरान्त भी श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए भीड की रोकथाम के लिए प्रशासन द्वारा वाहनों के आवागमन के मार्ग में परिवर्तन किया गया है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालु रोक के बावजूद पुलिस से बचकर खेतों, जंगलों, पहाड़ों आदि में से होकर भी मंदिर दर्शन करने लिए पहुंचे रहे है।
12-15 सितम्बर तक जयपुर की ओर जाने वाले वाहनों को कुशालगढ तिराहे से मार्ग परिवर्तित किया गया है। इसी प्रकार जयपुर की तरफ से अलवर की ओर आने वाले वाहनों को थानागाजी थैंक्यू बोर्ड से मार्ग परिवर्तित किया गया है। सभी नाकों पर पुलिसकर्मी व अधिकारी तैनात रहे। जो यहां आने वाले श्रद्धालुओं को प्रवेश करने से रोक समझाइश कर वापस घर भेज रहे है।
आमजन को मेले के स्थगित होने एवं वाहनों के रूट परिवर्तन होने के संबंध में पूर्ण जानकारी दर्शाने वाले होर्डिंग्स नटनी का बारा, कुशालगढ, भर्तृहरि तिराहा एवं अन्य उपयुक्त स्थान पर लगाए गए है। इसी प्रकार जयपुर रोड, प्रतापगढ रोड, थानागाजी रोड एवं थैंक्यू बोर्ड के साथ अन्य उपयुक्त स्थान पर होर्डिंग्स लगवाए गए है ताकि आमजन को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
हिन्द वतन समाचार