तीन केंद्रीय निरीक्षकों की मौजूदगी में विधायक दल की बैठक में होगा नए मुख्यमंत्री का चयन
गांधीनगर, 12 सितंबर। गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के कल अचानक नाटकीय अंदाज़ में अपने पद से इस्तीफ़ा देने के बाद आज यहां दोपहर बाद तीन बजे होने वाली सत्तारूढ़ भाजपा के विधायक दल की बैठक में तीन केंद्रीय निरीक्षकों की मौजूदगी में उनके उत्तराधिकारी का फ़ैसला होगा।
पार्टी के प्रवक्ता यमल व्यास ने पत्रकारों को बताया कि विधायक दल की बैठक में भाजपा के तीन केंद्रीय निरीक्षक नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद जोशी (दोनो केंद्रीय मंत्री) तथा पार्टी के केंद्रीय महामंत्री तरुण चुघ उपस्थित रहेंगे। इसमें ही अगले मुख्यमंत्री का चयन होगा। इसके बाद नए मुख्यमंत्री सम्भवतः आज ही राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
इससे पहले आज सुबह से ही सत्तारूढ़ भाजपा के खेमे में ख़ूब गहमागहमी है। दिल्ली से पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर सुबह ही गुजरात पहुँचे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर के एक बयान से मुख्यमंत्री पद की दौड़ में निवर्तमान उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल का सबसे मज़बूत दावेदार बन गए हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल के यहां स्थित निवास स्थान पर सुबह हुई एक बैठक के बाद श्री तोमर ने पत्रकारों से कहा कि नया मुख्यमंत्री विधायकों में से ही चुना जाएगा।
बैठक में भाजपा के संगठन महामंत्री बी एल संतोष, केंद्रीय मंत्री और गुजरात भाजपा प्रभारी भूपेन्द्र यादव भी उपस्थित थे। इसके बाद से पार्टी के यहां के निकट कोबा स्थित प्रदेश मुख्यालय श्री कमलम में बैठकों का दौर जारी है। यहीं पर दोपहर में होने वाली पार्टी विधायक दल की बैठक के बाद श्री रूपाणी के उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा होगी। इस बैठक में श्री तोमर समेत कई केंद्रीय नेताओं की उपस्थिति रहेगी।
पहले ऐसा भी कहा गया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सम्भावित उपस्थिति में होने वाली इस बैठक में में शामिल होने के लिए दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन -दीव के साथ ही लक्ष्यद्वीप केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक और गुजरात के पूर्व मंत्री प्रफुल्ल खोडा पटेल (64) को भी कथित तौर पर आमंत्रित किया गया है। श्री पटेल उस समय गुजरात के गृह राज्य मंत्री बनाए गए थे जब तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में वर्ष 2010 में श्री अमित शाह के सोहराबुद्दीन मुठभेड़ प्रकरण में गिरफ़्तार किया गया था। उनके परिवार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गहरा जुड़ाव रहा है। इस बात को लेकर भी कई तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं।
श्री रूपाणी के इस्तीफ़े के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर हालांकि भाजपा ने कल कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया था और इसके सभी बड़े नेता चुप्पी साधे रहे थे पर दिन भर कई नाम राजनीतिक हलकों में उछलते रहे थे। अधिकतर राजनीतिक प्रेक्षकों का यह मानना है कि अगला मुख्यमंत्री राज्य में दबंग माने जाने वाले पाटीदार समुदाय का होगा। जो नाम अब तक मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आगे माने जा रहे हैं उनमें पाटीदार जाति के दो केंद्रीय मंत्री सर्वश्री मनसुख मांडविया, परशोत्तम रूपाला, उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, राज्य भाजपा उपाध्यक्ष गोरधन झड़फ़िया, पूर्व मंत्री प्रफुल्ल पटेल, निवर्तमान कृषि मंत्री
आर सी फलदु प्रमुख हैं। इनके अलावा राज्य के क़ानून मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा, भाजपा प्रमुख सी आर पाटिल, वन मंत्री गणपत वसावा जैसे ग़ैर पाटीदार नेताओं के नाम भी इस रेस में शामिल बताए जा रहे हैं। हालांकि प्रेक्षक श्री प्रफुल्ल पटेल, श्री नितिन पटेल और श्री मांडविया को सबसे मज़बूत दावेदार मान रहे हैं। श्री तोमर के आज के इस बयान की मुख्यमंत्री कोई विधायक ही होगा, के बाद श्री नितिन पटेल का पलड़ा सबसे भारी लग रहा है। वैसे भाजपा आलाकमान को ऐसे मामलों में ‘आश्चर्य’ में डालने वाले फ़ैसले लेने के लिए जाना जाता है।
प्रेक्षकों का मानना है कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के इस इस गृह प्रदेश में जो भी मुख्यमंत्री बनेगा उसे केंद्रीय नेतृत्व ही तय करेगा और विधायक दल की बैठक में बस औपचारिकता ही होगी। यह भी कहा जा रहा है कि मात्र क़रीब 14 प्रतिशत वोटर वाले पाटीदार समुदाय को मुख्यमंत्री पद देने के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आदिवासी जैसे अपेक्षाकृत अधिक मतदाता प्रतिशत वाले समुदाय को रिझाने के लिए एक या दो उप मुख्यमंत्री भी बनाए जा सकते हैं।
हिन्द वतन’ समाचार की रिपोर्ट