अड़ीग में झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की टीम ने की कार्यवाही…

अड़ीग में झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की टीम ने की कार्यवाही…

अड़ीग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अवैध क्लिनिक को किया बंद…

बिना डिग्री डिप्लोमा के अवैध क्लीनिक चला रहा था झोलाछाप चिकित्सक…

गोवर्धन। डेंगू व मलेरिया के बढ़ते रोगियों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय हो गई है। गांव-गांव जाकर स्वास्थ्यकर्मी बीमारी से संबंधित लोगों की जांच कर रहे हैं। शनिवार को जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल के दिशा-निर्देश पर गांव अड़ीग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. रचना गुप्ता ने डेंगू, मलेरिया बुखार के सर्वे का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान गांव में चल रहे झोलाछाप कथित चिकित्सक के क्लीनिक को बंद करवा दिया। उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की गई है। इस दौरान अड़ीग में डॉ. पीके गुप्ता नोडल अधिकारी एवं डॉ. विजेंद्र सिंह सिसोदिया चिकित्सा अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोवर्धन एवं अन्य स्टाफ की एक संयुक्त टीम ने गांव में बिना डिग्री डिप्लोमा के अवैध क्लीनिक चला रहे झोलाछाप डॉक्टर बनी सिंह के यहां छापामार कार्यवाही की। टीम को विभिन्न प्रकार की गोली दवाइयां इंजेक्शन आदि का बिल क्लीनिक द्वारा नहीं दिखाया गया। जिस पर स्वास्थ्य टीम ने इन सभी दवाइयों को सील कर दिया तथा इनके पास कोई भी क्लीनिक चलाने का लाइसेंस भी नहीं था। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इनको झोलाछाप की श्रेणी में मानते हुए प्रशासनिक कार्यवाही की गई है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार छापेमारी चलती रहेगी और संज्ञान में आते ही अन्य क्लीनिक वालों के खिलाफ भी कार्यवाही की जायेगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा और उन्हें शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य संबंधी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी।
—–
गोवर्धन में झोलाछाप चिकित्सकों की भरमार, चिकित्सा उपकरणों से लैस चल रहे हैं क्लीनिक
शनिवार को टीम द्वारा अड़ीग में अवैध क्लीनिक पर कार्यवाही की गई लेकिन कस्बा गोवर्धन में झोलाछाप चिकित्सों की भरमार है। बिना डिग्री के चिकित्सक क्लीनिक चला रहे हैं। कई बार इन चिकित्सकों की गलत दवाई से बीमार लोगों की जान मुश्किल में पड़ चुकी है। आये दिन इन चिकित्सकों के क्लीनिक पर झगड़े देखने को मिल जाते हैं। ऐसे क्लीनिक संचालक चिकित्सा का बोर्ड नहीं लगाते हैं लेकिन उनके यहां दवाई की डिसपेंसरी, भर्ती होने के बैड व अन्य चिकित्सा उपकरण मौजूद रहते हैं। इन चिकित्सकों की सांठ-गांठ मथुरा, आगरा जैसे प्राइवेट क्लीनिक संचालकों से है जो कि कमीशन के लिए रैफर कर देते हैं। चिकित्सा प्रयोगशालाओं में ब्लड रिपोर्ट व अन्य जांच के नाम पर भी पैसे ठगे जा रहे हैं। गांव-गांव में चल रहे झोलाछाप चिकित्सकों के क्लीनिक पर अभियान चलाकर कार्यवाही नहीं की गई है। संबंधित प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्साकर्मियों को जानकारी होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।

पत्रकार अमित गोस्वाम की रिपोर्ट…