हम ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के साथ काम करते हैं: आयकर विभाग की तलाशी के बाद न्यूज़लॉन्ड्री ने कहा
नई दिल्ली, 11 सितंबर। ऑनलाइन समाचार पोर्टल न्यूजलॉन्ड्री ने शनिवार को कहा कि उन्होंने अपना कारोबार “ईमानदारी एवं सत्यनिष्ठा से” किया है और वे आयकर विभाग के अधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे जिन्होंने उनके दफ्तर की तलाशी ली है। न्यूजलॉन्ड्री के सह-संस्थापक अभिनंदन सेखरी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक संदेश में कहा, “हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और हमने सबकुछ नियमानुसार किया है और किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया। हमने ईमानदारी एवं सत्यनिष्ठा से अपना
कारोबार किया है।” सेखरी ने कहा कि कर अधिकारियों ने उन्हें बताया कि वह अपने वकील से बात नहीं कर सकते हैं और कानून के लिए उन्हें “कानूनी सलाह लिए बिना” इसका पालन करने की आवश्यकता है। साथ ही कहा कि अधिकारी विनम्र और पेशेवर थे। उन्होंने कहा कि “कॉपी किए गए डेटा के बिना हस्ताक्षर वाले हैश मान (निर्धारित मात्रा में मानचित्रित जानकारियां)” उन्हें उपलब्ध कराए गए और उन्होंने इसे निजता
के अपने मौलिक अधिकार का उल्लंघन माना है। हैश मान एक संख्यात्मक मान है जो विशिष्ट रूप से डेटा की पहचान करता है। हैश मान बड़ी मात्रा में डेटा को छोटे संख्यात्मक मानों के रूप में दर्शाते हैं ताकि उनका उपयोग डिजिटल हस्ताक्षर के साथ किया जा सके। कर विभाग ने कथित कर चोरी के आरोप में शुक्रवार को दक्षिणी दिल्ली के सर्वोदय एन्क्लेव में स्थित समाचार पोर्टल के साथ-साथ सैदुलाजब क्षेत्र
(दक्षिणी दिल्ली) में एक अन्य डिजिटल समाचार प्लेटफॉर्म न्यूज़क्लिक के कार्यालय की तलाश की। सेखरी ने कहा कि करीब छह-सात लोगों की कर टीम शनिवार को दोपहर करीब 12.15 बजे उनके कार्यालय पहुंची और दोपहर करीब 12.40 बजे निकल गई। उन्होंने बताया, “उन्होंने परिसर में सभी कंप्यूटर उपकरणों की तलाशी ली। मेरे निजी मोबाइल फोन, लैपटॉप और कुछ कार्यालय मशीनों को अपने नियंत्रण
में ले लिया गया और उनमें मौजूद सभी जानकारियां आयकर टीम द्वारा डाउनलोड की गई।” सेखरी ने कहा कि कर अधिकारी दूसरी दफा उनके दफ्तर पहंचे थे, पहली बार जून में आए थे और कहा कि हमने “हमारी फंडिंग एवं खातों से जुड़े सभी दस्तावेज” उस वक्त अधिकारियों को दे दिए थे। उन्होंने कहा, “कानून के अनुरूप हम हर तरह से सहयोग करेंगे। हम जनहित पत्रकारिता भी जारी रखेंगे जिसके कारण हमारा
अस्तित्व है।” कर अधिकारियों ने कहा कि दो समाचार पोर्टलों द्वारा किए गए कुछ कर भुगतान विवरण और भेजी हुई राशि को सत्यापित करने के लिए दोनों संगठन की अलग-अलग तलाशी ली। न्यूज़क्लिक, उसके संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और अन्य अधिकारियों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फरवरी में धनशोधन रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत छापेमारी की थी।