निपाह: संक्रमण के सम्पर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए प्रयास तेज
कोझिकोड (केरल), 06 सितंबर। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने सोमवार को इस बात पर जोर दिया कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग निपाह वायरस की उत्पत्ति के संबंध में पता लगाने तथा इसके सम्पर्क में आए लोगों की पहचान करने को प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि ऐसी आशंका है कि निपाह के कारण जान गंवाने वाले 12 साल के लड़के के सम्पर्क में कई लोग आए होंगे। जॉर्ज ने पत्रकारों से कहा कि लड़के के सम्पर्क में आए 20 लोगों में से सात लोगों के नमूने पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) भेजे गए हैं। लड़के की रविवार सुबह निपाह से संक्रमित होने के बाद मौत हो गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘संक्रमण के सम्पर्क में आए लोगों की तीव्रता से पहचान सबसे जरूरी है। हम जमीनी स्तर पर काम कर रहे अपने कर्मचारियों को इसके लिए विशेष प्रशिक्षण दे रहे हैं। संक्रमण की उत्पत्ति का पता लगाना भी उतना ही आवश्यक है। हमने कल 188 लोगों की पहचान की थी। ऐसा हो सकता है कि इसके सम्पर्क में और लोग आए हों। हम सभी का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि लड़के के सम्पर्क में आए लोगों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि उसके माता-पिता पहले उसे एक क्लिनिक, फिर एक निजी अस्पताल, फिर एक मेडिकल कॉलेज और वहां से फिर एक अन्य निजी अस्पताल ले गए थे।
जॉर्ज ने कहा, ‘‘लड़के के सम्पर्क में आए 20 लोगों में से सात के नमूने जांच के लिए पुणे के एनआईवी भेजे गए हैं। हम उनकी रिपोर्ट कल आने की उम्मीद कर रहे हैं। हमने भोपाल के एनआईवी से भी मदद मांगी है। पुणे एनआईवी आज कोझिकोड में एक जांच केन्द्र भी स्थापित करेगा, जिससे जांच के नतीजे जल्द आने में मदद मिलेगी।’’
कोझिकोड जिले में 12 साल के एक लड़के की निपाह वायरस संक्रमण के कारण रविवार सुबह मौत हो गई। राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान को भेजे गए नमूने में उसके इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। मंत्री ने रविवार को बताया था कि बच्चे के घर के तीन किलोमीटर के दायरे को निरूद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है। वहीं, इससे लगे इलाके भी कड़ी निगरानी में हैं। बच्चे के सम्पर्क में आए दो स्वास्थ्य कर्मियों में निपाह वायरस के संक्रमण के लक्षण पाए गए हैं।