फेफड़ों में 98% संक्रमण के साथ सॉफ्टवेयर इंजीनियर 100 दिन वेंटिलेटर पर रहे,
दो बार दिल का दाैरा भी पड़ा, लेकिन हार नहीं मानी
सूरत/गुजरात- कोरोना से लंबी लड़ाई जीतकर शुक्रवार को घर लौटे 25 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर जीतेंद्र भलानी का परिजनों ने विजय तिलक लगाकर स्वागत किया। जीतेंद्र 128 दिनों के इलाज में 126 दिन आईसीयू में रहे। इस दाैरान उन्हें 100 दिन वेंटिलेटर पर रखा गया। उनके ठीक होने के बाद परिजनों में खुशी है। उनके फेफड़ों में 98% संक्रमण फैल गया था। वेंटिलेटर पर बेहोशी की हालत में इलाज चलता रहा।
इलाज के दौरान उन्हें दो बार दिल का दौरा भी पड़ा था। डॉक्टरों ने दो बार सीपीआर दिया, दोनों फेफड़ों में दो-दो आईसीडी भी डाली। इससे एक दिन पहले 158 दिन से अधिक इलाज लेने वाली एक 35 वर्षीय वराछा की महिला भी ठीक हुई थीं।
सभी रिपोर्ट निगेटिव आई तो डॉक्टरों ने कर दिया डिस्चार्ज
सिविल में शुरू के 15 दिनों के भीतर ही सीटी स्कैन जांच कराई गई तो पता चला कि जीतेंद्र के फेफड़ों में 98% संक्रमण फैल गया है। इससे हालत आए दिन नाजुक होती चली गई। आखिरकार शुक्रवार को वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गए। उनकी तमाम रिपोर्ट निगेटिव आई। उसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें डिस्चार्ज करने का निर्णय लिया। वह अब पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर लाैट आए हैं।
23 अप्रैल को संक्रमित हो गए थे जीतेंद्र
जीतेंद्र भलानी एमसीए करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर का काम कर रहे थे। 23 अप्रैल 2021 को उनकी तबीयत खराब हुई तो लाल दरवाजा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई।