ताइक्वांडो खिलाड़ी अरूणा चोटिल होने के कारण रेपेशाज दौर से हटीं…
तोक्यो, 02 सितंबर। भारत की अरूणा तंवर को गुरूवार को यहां तोक्यो पैरालंपिक की महिला ताइक्वांडो के44-49 किग्रा स्पर्धा के रेपेशाज दौर से हटने के लिये बाध्य होना पड़ा क्योंकि वह शुरूआती बाउट के दौरान गंभीर रूप से चोटिल हो गयी थीं पर इसके बावजूद क्वार्टरफाइनल में खेली थीं।
अरूणा का सामना शाम को रेपेशाज में अजरबेजान की 10वीं वरीय रोयाला फतालियेवा से होना था। क्वार्टर फाइनल में उन्हें पेरू की चौथी वरीय एस्पिनोजा कारांजा के खिलाफ एकतरफा मुकाबले में 21-84 से हार झेलनी पड़ी थी।
मुख्य ड्रॉ के क्वार्टर फाइनल में हारने वाले सभी खिलाड़ी रेपेशाज दौर में जगह बनाते हैं जहां खिलाड़ी को कांस्य पदक जीतने के लिए तीन मुकाबले जीतने होते हैं।
लेकिन भारत की 12वीं वरीय अरूणा के लिये रेपेशाज में मिला मौका काम नहीं आया क्योंकि वह सर्बिया की पांचवीं वरीय डेनिजेला योवानोविच पर 29-9 से उलटफेर भरी जीत दर्ज करने के दौरान दायें पैर में चोट लगा बैठीं थीं। इस चोट ने उनका अभियान समाप्त कर दिया।
भारतीय पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक ने कहा, ‘‘आपको यह सूचित करके दुख हो रहा है कि हमारी खिलाड़ी अपनी बाउट के दौरान चोटिल हो गयी। संदेह है कि उसे ‘हेयरलाइन’ फ्रेक्चर हो गया है। उसने पहला मुकाबला बड़े अंतर से जीता था लेकिन दूसरे में वही ऊर्जा नहीं दिखी। सूजन बढ़ गयी है और उसे चिकित्सीय सहायता की जरूरत है।’’
अरूणा के रेपेशाज से हटने के लिये भारतीय दल ने जो स्पष्टीकरण दिया है, उसमें कहा गया है, ‘‘बायें हाथ के आगे के हिस्से में संभावित फ्रेक्चर या दायें पैर में संभावित फ्रेक्चर’। हटने के लिये दिये गये फार्म में प्रतियोगिता के आगे हिस्सा नहीं लेने के फैसले के लिये ‘‘ इस चोट के कारण असहनीय दर्द और अंग के काम नहीं करने’’ को कारण बताया गया है।’’
एस्पिनोजा ने अरूणा को कोई मौका नहीं दिया और तीन दौर के मुकाबले में 26-2, 30-10, 28-9 के स्कोर के साथ पूरी तरह से दबदबा बनाए रखा। के44 वर्ग में वे खिलाड़ी होते हैं जिनका एक हाथ नहीं होता (या अंग के संचालन में समान समस्या) या पैर के आगे के हिस्से में दिक्कत होती है जिससे टखना उठाने की क्षमता प्रभावित होती है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…