भारतीय ऐप उद्योग ने एप्पल और गूगल पर लगाम कसने के लिए दक्षिण कोरिया की पहल को सराहा…

भारतीय ऐप उद्योग ने एप्पल और गूगल पर लगाम कसने के लिए दक्षिण कोरिया की पहल को सराहा…

नई दिल्ली, 01 सितंबर । दक्षिण कोरिया की संसद ने मंगलवार को एक विधेयक पारित किया, जिससे उम्मीद की जा रही है कि एप्पल और गूगल के अपने ऐप स्टोर में भुगतान प्रणाली से अधिक भुगतान पर लगाम लगेगी। इसे कानून के तौर पर प्रक्रिया में लाने से पहले अब दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन के हस्ताक्षर की जरूरत है।

यह विधेयक (बिल) विशेष रूप से इन-ऐप बाजारों और भुगतान प्रणालियों को लक्षित करने वाला दुनिया का पहला बड़ा कानून है, यहां तक कि बाजार के दिग्गज एप्पल और गूगल को अपने मालिकाना भुगतान सिस्टम के इन-ऐप उपयोग को अनिवार्य करने और ऐप स्टोर के माध्यम से ऐप और सब्सक्रिप्शन की बिक्री पर 30 प्रतिशत तक कमीशन चार्ज करने के लिए वैश्विक आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। दुनिया भर के डेवलपर्स ने इन कदमों पर सवाल उठाया है और भुगतान और वितरण के वैकल्पिक तरीकों को चुनने की स्वतंत्रता की मांग की है, जैसे कि आईओएस या एंड्रॉएड ऑपरेटिंग सिस्टम पर स्थापित तीसरे पक्ष (थर्ड पार्टी) के ऐप स्टोर के माध्यम से।

दक्षिण कोरियाई विधायकों ने मंगलवार को ऐप बाजार उद्योग में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के इरादे से अपने दूरसंचार व्यापार अधिनियम में संशोधन को मंजूरी देने के लिए मतदान किया। बिल ऐप मार्केट बिजनेस ऑपरेटरों को अपनी प्रमुख स्थिति का लाभ उठाने से रोकता है, ताकि डेवलपर्स को एक विशिष्ट भुगतान प्रणाली का उपयोग करने के लिए मजबूर किया जा सके। यह ऐप स्टोर सेवा प्रदाताओं को ऐप को उनके स्टोर पर पंजीकरण करने से रोकने, ऐप पंजीकरण में अनुचित रूप से देरी करने और ऐप मार्केट से ऐप को गलत तरीके से हटाने जैसी गतिविधियों में शामिल होने से भी रोकता है। इस कदम से ऐप डेवलपर्स को भारी कमीशन से बचने में मदद मिलेगी और इस तरह डेवलपर्स और अंतिम उपभोक्ताओं दोनों के लिए लागत कम हो जाएगी।

इसके अलावा, यह बिल दक्षिण कोरिया के विज्ञान मंत्री/आईसीटी और कोरिया संचार आयोग को ऐप मार्केट के संचालन की जांच करने का अधिकार देता है, ताकि सरकार को उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए ऐप-मार्केट से संबंधित विवादों की अधिक सक्रिय रूप से पहचान करने और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा में बाधा डालने वाले कृत्यों को रोकने में मदद मिल सके। यह कदम तब सामने आया है, जब दुनिया भर के नियामकों ने अपना ध्यान ऐप स्टोर और डेवलपर्स से शुल्क लेने की ओर लगाया है। अमेरिका में, तीन सीनेटरों ने इन-ऐप खरीदारी को विनियमित करके और प्रमुख दिग्गजों को अपने ऑपरेटिंग सिस्टम से तीसरे पक्ष के ऐप स्टोर को बाहर करने के लिए मजबूर करके निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए अगस्त में पहले एक द्विदलीय विधेयक पेश किया था।

वहीं भारत में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) अपनी मालिकाना भुगतान सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति के संभावित दुरुपयोग के लिए गूगल की जांच कर रहा है। एप्पल और गूगल दोनों ने सार्वजनिक रूप से कानून के माध्यम से अपनी व्यावसायिक प्रथाओं को विनियमित करने के प्रयासों का विरोध किया है। इस बीच, कई उद्योग के दिग्गजों ने दक्षिण कोरिया के घटनाक्रम पर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

भारत के सबसे बड़े थर्ड पार्टी ऐप स्टोर इंडस ऐप बाजार के सह-संस्थापक और सीईओ राकेश देशमुख ने इस कदम के लिए अपना समर्थन साझा किया है। उन्होंने इस संबंध में अपने विचार प्रकट करते हुए कहा, नीति को नवाचार (इनोवेशन) का समर्थन करने की आवश्यकता है। हमें उम्मीद है कि गूगल प्ले स्टोर पर इंडस ऐप बाजार जैसे ऐप वितरण प्लेटफॉर्म की लिस्टिंग की अनुमति देना डेवलपर की पसंद को बढ़ाता है। इससे हमें बी2सी सफर तय करने में मदद मिलेगी। मुझे उम्मीद है कि हमारे जैसे ऐप स्टोर को गूगल प्ले और एंड्रॉएड पर एक निष्पक्ष खेल वातावरण की अनुमति है। इसके अलावा, भारत में हमें नीति के नजरिए से ऐप वितरण और भुगतान गेटवे के लिए डेवलपर की पसंद पर गौर करने की जरूरत है।

एलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (एडीआईएफ), के कार्यकारी निदेशक सिजो कुरुविला ने ट्वीट करके इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने निष्पक्ष बाजार पर जोर देते हुए अपने ट्वीट में कहा, दुनिया में कहीं भी इस मामले पर कोई भी कानून अन्य देशों के लिए अपनाने और बनाने के लिए एक मिसाल कायम करेगा। अमेरिका के घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए, ऐप्स के एक उद्योग एसोसिएशन, कोअलिशन फॉर ऐप फेयरनेस (सीएएफ) ने सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इसे एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया है।

सीएएफ के कार्यकारी निदेशक मेघन डिमुजियो ने कहा, दक्षिण कोरियाई सांसदों और राष्ट्रपति मून जे-इन ने इतिहास बनाया है और वह बाकी दुनिया के लिए एक उदाहरण स्थापित कर रहे हैं। यह कानून ऐप स्टोर के गेटकीपर्स को उनके हानिकारक और प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं के लिए जिम्मेदार ठहराएगा। सीएएफ को उम्मीद है कि अमेरिका और यूरोपीय सांसद दक्षिण कोरिया के नेतृत्व का पालन करेंगे और सभी ऐप डेवलपर्स और यूजर्स के लिए खेल के मैदान को समतल करने (सभी के लिए समान नीति एवं अवसर) के लिए अपना महत्वपूर्ण कार्य जारी रखें।

मैच ग्रुप, जो टिंडर और ओकेक्यूपिड जैसे डेटिंग और सोशल डिस्कवरी ऐप्स का सबसे बड़ा पोर्टफोलियो संचालित करता है, उन्होंने एक बयान में दक्षिण कोरियाई विधायकों को धन्यवाद दिया है। इसने यह भी कहा कि कानून एक निष्पक्ष ऐप पारिस्थितिकी तंत्र की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसने इस कदम की सराहना करते हुए यह भी कहा है कि यह दक्षिण कोरिया में अनिवार्य आईएपी को समाप्त कर देगा, जो इस बाजार में नवाचार, उपभोक्ता की पसंद और प्रतिस्पर्धा को पनपने देगा।

इसके एक बयान में कहा गया है, हम बिल को शीघ्रता से कानून के तौर पर हस्ताक्षरित किए जाने की आशा करते हैं और दुनिया भर के विधायी निकायों से अपने नागरिकों और व्यवसायों को इंटरनेट को प्रतिबंधित करने वाले एकाधिकार गेटगीपर्स से बचाने के लिए इसी तरह के उपाय करने के लिए कहते हैं। इस बीच, कई भारतीय दिग्गजों ने भी इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम में अपनी रुचि दिखाई है, विशेष रूप से इन-ऐप खरीदारी पर गूगल के ऐप टैक्स और स्थानीय दिग्गजों पर इसके प्रभावों के विरोध के संदर्भ में उन्होंने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। स्क्रीनी और वूकमार्क जैसे लोकप्रिय ऐप के डेवलपर्स एनएफएन लैब्स, जो गूगल, ट्विटर और एप्पल के साथ रन-इन में शामिल हैं, उन्होंने वैकल्पिक स्टोर और भुगतान गेटवे के विकल्पों का स्वागत किया है।

एनएफएन लैब्स के को-फाउंडर राजेश पद्मनाभन ने एक बयान में कहा, हमारे आईओटी उत्पाद के लिए, इंडस ऐप बाजार पर लॉन्च होने वाले वूकमार्क ने नए यूजर्स के साथ हमारे विकास को बढ़ावा दिया है। इसके अतिरिक्त, हम अपने ब्राउजर एक्सटेंशन, एंड्रॉएड और आईओएस पैकेज के लिए वैकल्पिक चैनलों के माध्यम से भुगतान वितरित करने और एकत्र करने की क्षमता तलाश रहे हैं। एक वैकल्पिक वितरण, जो इंडस ऐप बाजार और कम कमीशन जैसे मुफ्त अपलोड की अनुमति देता है, निश्चित रूप से आर एंड डी के लिए धन को पुनर्निर्देशित करने में मदद करेगा और हमें तेजी से बढ़ने में मदद करेगा।

भारतीय बाजार में इस कदम के प्रभाव को देखा जाना बाकी है, लेकिन इंडस ऐप बाजार के राकेश देशमुख को लगता है कि भारत में ऐप वितरण के साथ और भी बहुत कुछ किया जा सकता है। उन्होंने इस बारे में अपने विचार साझा करते हुए कहा, यह वितरण की पसंद के बारे में है; हम सभी जानते हैं कि गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर मौजूद रहेंगे, लेकिन हमें अधिक प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता है। हम मानते हैं कि चॉइस (चुनने का अधिकार) प्रतिस्पर्धा के लिए सेंट्रल है और इसलिए जब डेवलपर्स हमारे बुनियादी ढांचे के माध्यम से वितरित यानी डिस्ट्रीब्यूट करना चुनते हैं, तो हम भुगतान गेटवे के विकल्प की अनुमति देते हैं। हमारा मानना है कि यह विकल्प डेवलपर्स को दो कंपनियों और भुगतान गेटवे प्रदाताओं के साथ उचित शुल्क पर बातचीत करने की अनुमति देगा।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…